जश्न मनायें लेकिन रंगों को लेकर पढ़ लें डॉक्टरों की यह सलाह
नयी दिल्ली : डॉक्टरों ने होली की पूर्व संध्या पर आज लोगों को केवल जैविक (ऑर्गेनिक) रंगों का इस्तेमाल करने की सलाह दी और चेताया कि होली खेलते समय कॉन्टेक्ट लेंस पहनना आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है. बाजार में कैमिकल और प्राकृतिक दोनों तरह के रंग उपलब्ध हैं और चिकित्सा और पर्यावरण विशेषज्ञों का […]
नयी दिल्ली : डॉक्टरों ने होली की पूर्व संध्या पर आज लोगों को केवल जैविक (ऑर्गेनिक) रंगों का इस्तेमाल करने की सलाह दी और चेताया कि होली खेलते समय कॉन्टेक्ट लेंस पहनना आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है. बाजार में कैमिकल और प्राकृतिक दोनों तरह के रंग उपलब्ध हैं और चिकित्सा और पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि लोगों को सेहत का ध्यान रखते हुए केवल ऑर्गेनिक रंगों का इस्तेमाल करना चाहिए.
शालीमार बाग में स्थित फोर्टिस अस्पताल में त्वचाविज्ञान विभाग में वरिष्ठ सलाहकार नरेश भार्गव ने कहा,‘‘ कैमिकल रंग त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते है और इससे खुजली, चकत्ते, सूजन आदि की शिकायत हो सकती है. इन रंगों से आंखों को भी नुकसान पहुंच सकता है और इससे आंखों में खुजली, लाली और आंखों से पानी आने की समस्या हो सकती है.
कैमिकल रंगों से बाल खराब हो सकते हैं. भार्गव ने कहा कि लोगों को रंगों से खेलने से पहले अपने शरीर और चेहरे पर तेल या कोई अन्य चिकना पदार्थ लगा लेना चाहिए ताकि रासायनिक रंगों का अधिक प्रभाव न हो. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष के के अग्रवाल ने कहा कि हरे रंग में एक ऐसा रसायन होता है, जो आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है. उन्होंने कहा,‘‘ रंगों में कांच भी मिलाया जाता है जो त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है.
इसके अलावा, गुब्बारे से चोट लग सकती है. होली खेलते समय कॉन्टेक्स लेंस का इस्तेमाल आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है. आईएमए प्रमुख ने चेताया कि ‘‘भांग का सेवन हृदय के लिए नुकसानदायक हो सकता है. गुडगांव में फोर्टिस मेमोरियल अनुसंधान संस्थान में वरिष्ठ सलाहकार, नेत्र विज्ञान, नीरज संदुजा ने कहा, ‘‘शरीर से रंगों को साफ करते समय और स्नान के लिए गुनगुने पानी का उपयोग करना चाहिए। बाल और चेहरे को धोने के दौरान आँखें बंद रखनी चाहिए ताकि रंग आँखों के अंदर न जाये.