एसएससी परीक्षार्थियों की बड़ी जीत, गड़बड़ी की होगी सीबीआई जांच

नयी दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली में राज्य कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) परीक्षा में हुई तथाकथित धांधली के खिलाफ सीबीआई से जांच कराने की मांग को लेकर हजारों छात्र अड़े हुए थे. अब उनकी मांगे मान ली गयी है. धरने पर बैठे छात्र अपनी जीत पर जश्न मना रहे हैं. होली का मजा इन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 2, 2018 2:28 PM

नयी दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली में राज्य कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) परीक्षा में हुई तथाकथित धांधली के खिलाफ सीबीआई से जांच कराने की मांग को लेकर हजारों छात्र अड़े हुए थे. अब उनकी मांगे मान ली गयी है. धरने पर बैठे छात्र अपनी जीत पर जश्न मना रहे हैं. होली का मजा इन छात्रों के लिए दोगुणा हो गया है.

छात्रों की मांग थी कि संयुक्त स्नातक स्तर के टीयर-2 की परीक्षा में कथित तौर पर हुई धांधली की जांच सीबीआई से करायी जाये.
इन छात्रों का आरोप है कि बीती 17-22 फरवरी तक हुई परीक्षा का पर्चा पहले ही लीक हो चुका था. हालांकि, अपनी इस मांग को लेकर छात्रों का एक प्रतिनिधि मंडल चेयरमैन से भी मिला था उस वक्त चेयरमैन का कहना था कि पहले छात्र ठोस सबूत जुटा कर दें, उसके बाद हम कोई कार्रवाई कर पाएंगे.
मै अपने स्तर पर सीबीआई जांच मांग का फैसला नहीं कर सकता हूं. अब इन मांगो को मान लिया गया है गौरतलब है कि देश भर के हजारों युवाओं ने एसएससी पर पर्चा लीक होने और नकल का आरोप लगाया है. इस साल संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा टीयर 2 में 1,89,843 प्रतियोगी छात्र शामिल हुए थे. ये परीक्षा देश के अलग-अलग केंद्रों पर 17-22 फरवरी के बीच हुई.
परीक्षा ऑनलाइन थी. छात्रों का आरोप है कि जब वे परीक्षा दे कर बाहर आये, तो पता चला कि परीक्षा का पर्चा सोशल मीडिया पर पहले ही लीक हो चुका है. सोशल मीडिया पर परीक्षा के प्रश्नपत्र के स्क्रीन शॉट पहले से ही मौजूद थे. एसएससी दफ्तर के बाहर हजारों छात्र उसी लीक पेपर की फोटो कॉपी लेकर सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं.
छात्रों की नाराजगी अपनी उपेक्षा से भी बढ़ रही है. छात्र इस बात से भी आक्रोश मे हैं कि इतने दिन से वो अलग अलग जगह धरने में बैठे हैं लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नही है. यहां तक कि रोजगार का मुद्दा उठा अपनी राजनीति चमकाने वाले राजनीतिक दल भी इस हल्ला बोल में उनका साथ नही दे रहे हैं. कॉलेज औऱ विश्वविद्यालयों में युवाओं के हित के लिए खड़े होने का दावा करने वाले छात्र संघ भी इन छात्रों के समर्थन में खुलकर सामने नही आ रहे हैं.

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