नयी दिल्ली : नये बदलाव के साथ केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं सोमवार से शुरू हो रही हैं. पहले दिन 10वीं के विद्यार्थी वोकेशनल विषय की परीक्षा देंगे, तो 12वीं के विद्यार्थी अंग्रेजी विषय की परीक्षा देंगे. 12 अप्रैल को बारहवीं के विद्यार्थियों के लिए होम साइंस की परीक्षा आयोजित की जायेगी. इसके साथ ही, परीक्षा का समापन हो जायेगा. दोनों कक्षाओं की परीक्षाएं सुबह 10:30 से शुरू होंगी.
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10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को शांतिपूर्ण रूप से संपन्न बनाने के लिए बोर्ड ने देश भर में कुल 8,591 परीक्षा केंद्र बनाये हैं. इनमें परीक्षा देने के लिए दोनों कक्षाओं के कुल 28 लाख 24 हजार 734 विद्यार्थियों पंजीकृत हैं. इसमें 12वीं कक्षा की परीक्षा के लिए 11,86,306 विद्यार्थी तो 10वीं कक्षा की परीक्षा के लिए 16,38428 विद्यार्थी पंजीकृत हैं.
पांच लाख से अधिक छात्र होंगे शामिल
सीबीएसई के अनुसार, इस बार दिल्ली से पांच लाख से अधिक विद्यार्थी बोर्ड परीक्षा देंगे, जिसमें निजी स्कूलों से 10वीं कक्षा के 1,10,707 विद्यार्थी और सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों से 155387 विद्यार्थी पंजीकृत हैं. 12वीं कक्षा में निजी स्कूलों से 1,05,351 विद्यार्थी और सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों से 1,29,647 विद्यार्थी परीक्षा के लिए पंजीकृत हैं.
शुगर पीड़ित बच्चों को परीक्षा हॉल में चॉकलेट ले जाने की मिलेगी छूट
बोर्ड परीक्षा के दौरान मधुमेह टाइप-1 से पीड़ित विद्यार्थी परीक्षा कक्ष में शुगर की दवा, चॉकलेट, कैंडी, केला, संतरा, सेब, सैंडविच और पानी की छोटी बोतल ले जा सकेंगे. इस संबंध में सीबीएसई ने स्पष्ट निर्देश जारी किये हैं.
अचानक बीमार पड़ने वाले बच्चों को मिलेगी लिपिकीय सुविधा
सीबीएसई ने अपने परीक्षा के उपनियमों में इस बार से अहम बदलाव किया है. इसके तहत, परीक्षा के दौरान अगर विद्यार्थी आकस्मिक रूप से बीमार हो जाते हैं, तो ऐसी स्थिति में उन्हें प्रश्न पत्र हल करने के लिए स्क्राइब (लिपिक) की सुविधा मिलेगी.
बीमारी का जमा कराना होगा मेडिकल सर्टिफिकेट
इस सुविधा का लाभ प्राप्त करने के लिए आकस्मिक रूप से बीमार विद्यार्थी को सहायक सर्जन स्तर के चिकित्सा अधिकारी की तरफ से जारी मेडिकल सर्टिफिकेट प्रस्तुत करना होगा. इसके बाद वे जूनियर विद्यार्थी का स्क्राइब के तौर पर प्रयोग कर सकेंगे. ऐसे विद्यार्थियों को सीबीएसई अतिरिक्त समय के साथ-साथ एक अलग कक्ष उपलब्ध करायेगा. यहां निगरानी के लिए एक अधिकारी की नियुक्ति की जायेगी.
दिव्यांग विद्यार्थियों को मिलेगा लैपटॉप
दिव्यांग या विशेष आवश्यकता वाले विद्यार्थी प्रश्न पत्र हल करने के लिए कंप्यूटर या लैपटॉप का प्रयोग कर सकेंगे. सीबीएसई के अनुसार, कंप्यूटर या लैपटॉप का प्रयोग ऐसे विद्यार्थी उत्तर लिखने, प्रश्नों को देखने के लिए बड़ा करने के लिए कर सकते हैं. इन कंप्यूटरों में इंटरनेट कनेक्शन का प्रयोग नहीं किया जा सकेगा. इन्हें प्रयोग से पहले फॉरमेट किया जायेगा.
33 फीसदी अंक पाने वाले छात्र होंगे पास
सीबीएसई ने इस बार 10वीं बोर्ड परीक्षा के पास होने के मानदंड में अहम बदलाव किया है. इसके तहत, आंतरिक व बोर्ड परीक्षा के मूल्यांकन को मिलाकर 33 फीसदी अंक पाने वाले विद्यार्थी भी पास हो जायेंगे. हालांकि, 10वीं में पास होने के मानदंड में यह बदलाव सिर्फ इस सत्र की बोर्ड परीक्षा के लिए किया गया है.