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नीरव मोदी मामले में CBI ने PNB के जनरल मैनेजर से की पूछताछ, 4 आरोपियों को 17 मार्च तक CBI हिरासत

नयी दिल्ली : सीबीआई ने कारोबारी नीरव मोदी और उनके मामा मेहुल चोकसी द्वारा कथित रूप से की गयी 12,636 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के सिलसिले में सोमवार को पंजाब नेशनल बैंक के एक महाप्रबंधक से पूछताछ की जो बैंक के खजाना विभाग का काम देखते हैं. * चार आरोपियों को 17 मार्च तक सीबीआई […]

नयी दिल्ली : सीबीआई ने कारोबारी नीरव मोदी और उनके मामा मेहुल चोकसी द्वारा कथित रूप से की गयी 12,636 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के सिलसिले में सोमवार को पंजाब नेशनल बैंक के एक महाप्रबंधक से पूछताछ की जो बैंक के खजाना विभाग का काम देखते हैं.

* चार आरोपियों को 17 मार्च तक सीबीआई हिरासत

विशेष अदालत ने 12,636 करोड़ रुपये के कथित पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार चार लोगों को 17 मार्च तक के लिये सीबीआई हिरासत में भेज दिया.

केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अरबपति हीरा व्यापारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी द्वारा की गई कथित धोखाधड़ी के सिलसिले में रविवार को इन लोगों को गिरफ्तार किया था. इन आरोपियों को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एस आर तम्बोली के समक्ष पेश किया गया था.

नीरव मोदी की फायरस्टार इंटरनेशनल लिमिटेड के तत्कालीन एजीएम (संचालन) मनीष के बोसमिया, कंपनी के तत्कालीन वित्त प्रबंधक मितेन अनिल पांड्या को पीएनबी को सौंपे गये फर्जी लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) के लिए आवेदन तैयार करने में उनकी संदिग्ध भूमिका के लिए गिरफ्तार किया गया.

सीए फर्म संपत एंड मेहता में साझेदार ऑडिटर संजय राम्भिया और मेहुल चोकसी की कंपनी के तत्कालीन निदेशक अनियाथ शिव रमन नायर को इस मामले में रविवार को गिरफ्तार किया गया था.

यह आरोप लगाया गया है कि गीतांजलि समूह की कंपनियों के निदेशकों में से एक नायर पीएनबी को एलओयू और फॉरन लेटर्स ऑफ क्रेडिट (एफएलसी) के वास्ते भेजे गये आवेदनों के लिए अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता भी थे.

सीबीआई के वकील ने कहा कि एजेंसी को पूछताछ और जांच के लिए इन आरोपियों की हिरासत की जरूरत है. इस बीच सीबीआई की अदालत ने पिछले महीने इस मामले में गिरफ्तार छह अन्य आरोपियों को 19 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया.

फायरस्टार इंटरनेशनल कंपनी में अध्यक्ष (वित्त) विपुल अंबानी, नीरव मोदी की तीन फर्मों की अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता और कार्यकारी सहायक कविता मनकीकर, वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी, फायरस्टार समूह, अर्जुन पाटिल को गिरफ्तार किया गया था.

नक्षत्र समूह और गीतांजलि समूह के सीएफओ कपिल खंडेलवाल, गीतांजलि समूह के प्रबंधक नीतेन शाही को चोकसी की फर्मों से संबंधित मामले में गिरफ्तार किया गया था. राजेश जिंदल पीएनबी के एक वरिष्ठ अधिकारी है.

इन सभी छह आरोपियों की हिरासत की अवधि समाप्त होने पर आज न्यायाधीश एस आर तम्बोली के समक्ष पेश किया गया. मनकीकर के वकील ने कहा कि वह मधुमेह से पीड़ित है.

अंबानी के वकील ने कहा कि उन्हें पेट और पीठ में दर्द है. हालांकि न्यायाधीश ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजते हुए कहा कि उन्हें आवश्यक चिकित्सा मदद उपलब्ध कराई जायेगी.

एक दिन पहले ही सीबीआई ने नीरव मोदी समूह की कंपनियों के दो कर्मचारियों और एक ऑडिटर तथा गीतांजलि समूह के एक निदेशक को गिरफ्तार किया था. एजेंसी के एक अधिकारी ने कहा, पीएनबी महाप्रबंधक (खजाना) एस के चंद से सीबीआई बैंक धोखाधड़ी मामले में पूछताछ कर रही है.
आरोप हैं कि चोकसी और नीरव मोदी ने धोखेबाजी से किये गये दावों के आधार पर भारतीय बैंकों की विदेशी शाखाओं के पक्ष में लैटर्स ऑफ अंडरटेकिंग्स (एलओयू) और 12636 करोड़ रुपये के फॉरेन लैटर्स ऑफ क्रेडिट (एफएलसी) जारी कराये थे.
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पीएनबी के आरोपी अधिकारियों ने जांच पड़ताल से बचने के लिए इन एलओयू के लिए अपने आंतरिक सॉफ्टवेयर में दिशानिर्देश जारी नहीं कराये बल्कि बैंकिंग की अंतरराष्ट्रीय संदेश प्रणाली स्विफ्ट के माध्यम से इन्हें भेजा गया. इस प्रणाली का इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बैंकों के बीच धनांतरण के लिहाज से दिशानिर्देश जारी करने के लिए किया जाता है.
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एलओयू एक गारंटी होती है जिसे कोई जारी करने वाला बैंक विदेशों में शाखाएं रखने वाले भारतीय बैंकों को आवेदक को अल्पकालिक कर्ज देने के लिए जारी करता है. ऋण नहीं लौटाने पर एलओयू जारी करने वाले बैंक को कर्ज देने वाले बैंक को ब्याज के साथ धन लौटाना होता है.
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