त्रिपुरा में 25 साल पुरानी सरकार चुनाव में हार गयी है और वहां कम्युनिस्ट पार्टी की जगह स्पष्ट बहुमत के साथ भाजपा की सरकार बन रही है. मुख्यमंत्री के लिए बिप्लव देब का नाम सामने आया है, हालांकि सहयोगी दल आईपीएफटी किसी आदिवासी को सीएम बनाने की मांग कर रहा है. इसी बीच एक चौंकाने वाली घटना हुई है. कल दोपहर 3.30 बजे भाजपा समर्थकों ने साउथ त्रिपुरा डिस्ट्रिक्ट के बेलोनिया सबडिविज़न में बुलडोज़र की मदद से रूसी क्रांति के नायक ब्लादिमीर लेनिन की मूर्ति को ध्वस्त कर दिया. साम्यवादी विचारधारा के नायक लेनिन की मूर्ति तोड़े जाने के बाद से वामपंथी दल और उनके कार्यकर्ताओं में रोष है और सोशल मीडिया में इसे लेकर तीव्र प्रतिक्रिया आ रही है. वहीं कई कवियों ने तो इसे घृणित कृत्य बताते हुए अपनी कलम चलायी है.
महिला अधिकारों की पैरोकार और कम्युनिस्ट नेता कविता कृष्णन ने लेनिन की मूर्ति तोड़े जाने पर तीव्र प्रतिक्रिया जताते हुए ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है- आप लेनिन की प्रतिमा तोड़ सकते हैं, लेकिन क्या आप शहीद-ए-आजम भगत सिंह और उनके साथियों के दिल और दिमाग से लेनिन को मिटा सकते हैं. उन्होंने हमारे क्रांतिकारियों को प्रेरित किया था. आरएसएस उन शहीदों का मजाक उड़ाता है, लेकिन उन्हें मिटा नहीं सकता.
You can topple Lenin's statue. But can you wipe out #Lenin from the hearts & minds of Shaheed-e-Azam Bhagat Singh & his comrades? #Lenin #Marx #communism inspired our revolutionary freedom fighters. RSS – which mocked those martyrs – can't erase that legacy! pic.twitter.com/BZr1nEjMnq
— Kavita Krishnan (@kavita_krishnan) March 5, 2018
सीपीएम के अॅाफिशियल एकाउंट से ट्वीट किया गया है -आप हमारी मूर्तियों को तोड़ सकते हैं, लेकिन हमारे जुनून को नहीं.
You can break our statues but not our spirit!#Lenin#StandByTripuraLeft pic.twitter.com/xe8gdjPETI
— CPI (M) (@cpimspeak) March 6, 2018
As BJP workers bring down a statue of #Lenin in Tripura here's my new @washingtonpost column on why a tiny state came to be a symbol of India's Culture Wars- a war the Right is winning, under Modi https://t.co/ktiSTDWQTh
— barkha dutt (@BDUTT) March 6, 2018
Those who are outraging here over fall of #Lenin's statue must note that more people has been killed due to communism than due to any other ideology pic.twitter.com/IsX8zQbUyW
— Rishi Bagree (@rishibagree) March 6, 2018