त्रिपुरा के भावी सीएम बिप्लव कुमार देव का क्या है बांग्लादेश से नाता?

नयी दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी ने त्रिपुरा के अगले मुख्यमंत्री के रूप में बिप्लव कुमार देव के नाम का एलान कर दिया है. यह घोषणा राज्य के पर्यवेक्षक व केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आज अगरतल्ला में की है. इस दौरान उनके साथ विप्लव कुमार देव मौजूद थे. 48 वर्षीय बिप्लव कुमार देव वर्तमान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 6, 2018 4:21 PM

नयी दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी ने त्रिपुरा के अगले मुख्यमंत्री के रूप में बिप्लव कुमार देव के नाम का एलान कर दिया है. यह घोषणा राज्य के पर्यवेक्षक व केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आज अगरतल्ला में की है. इस दौरान उनके साथ विप्लव कुमार देव मौजूद थे. 48 वर्षीय बिप्लव कुमार देव वर्तमान में त्रिपुरा भाजपा के अध्यक्ष हैं और उन्होंने पहली बार इसी साल चुनाव लड़ा और सीधेराज्य के शीर्ष पद तक पहुंच गये. यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं भारतीय जनता पार्टी की कार्यनीति का हीकमालहै कि शून्य संसदीय अनुभव वाला व्यक्तिऔर हाल तक आम कार्यकर्तारहाशख्सभी सीधे शीर्ष पद पर पहुंच जाये.

बिप्लव कुमार देव शुरू से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े रहे हैं और उन्होंने सतना के भाजपा सांसद गणेश सिंह के निजी सचिव के रूप में करीब 10 सालों तक काम किया. वे संघ परिवार के विचारक रहे गोविंदाचार्य से भी जुड़े रहे हैं और उनकी प्रेरणा से संगठन के लिए काम करते रहे हैं. बिल्पव कुमार देव को एक नेता के रूप में स्थापित करने में त्रिपुरा के भाजपा प्रभारी सुनील देवधर का बड़ा योगदान है. देवघर ही त्रिपुरा जीत के मुख्य रणनीतिकार थे.

बिप्लव कुमार देव का जन्म काकराबन, उदयपुर में हुआ जो आज गोमती जिला है. हालांकि उनके माता-पिता का संबंध में बांग्लादेश के चांदपुर के कचुया उपजिला से रहा है. वे अपने प्रदेश के दसवें मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. एक भारतीय राज्य के उनके मुख्यमंत्री बनने के सफर बांग्लादेश के अखबार ढाका ट्रिब्यून ने उन पर स्टोरी लिखी है कि उनका रिश्ता किस तरह बांग्लादेश से रहा है. ढाका ट्रिब्यून की खबर के अनुसार, उनके पिता हिरूधन देव और मां मीना रानी देव 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संघर्ष के दौरान बांग्लादेश से विस्थापित होकर भारत चले गये थे.उनका नाता बांग्लादेश के मेघडेर गांव से रहा है.

बिप्लव कुमार देव के चाचा प्राणधन देव अभी भी बांग्लादेश में हैं और वे कचुया के हिंदू-बौद्ध-ईसाई यूनिटी कांउसिल के अध्यक्ष हैं. उन्होंने ढाका ट्रिब्यून से बातचीत में यह पुष्टि की थी कि उनका भतीजा एक भारतीय राज्य के शीर्ष पद पर बैठने जा रहा है. ढाका ट्रिब्यून के अनुसार, चांदपुर – 1 के सांसद डॉ मोहीउद्दीन आलमगीर ने भी विप्लव देव को उनकी राजनीतिक उपलब्धियों के लिए बधाई दी.

बिप्लव कुमार देव ने त्रिपुरा यूनिवर्सिटी सेस्नातक की पढ़ाई की है और फिर मास्टर डिग्री के लिए दिल्ली चले गये. उन पर किसी तरह का कोई दाग नहीं रहा है. चुनावी हलफनामे में उन्होंने अपनी आय मात्र 2,99,290 रुपये दिखाई थी. उन्होंनेपश्चिमी त्रिपुरा की बनमालीपुरसीटसेविधानसभा चुनाव लड़ा और तृणमूल कांग्रेस के कुहेली दास को चुनाव हराया. बनमालीपुर सीट राज्य की राजधानी अगरतल्ला के तहत आती है. बेहद लो-प्रोफाइल शख्स बिप्लव कुमार देव ने अपने नेतृत्व में त्रिपुरा में पार्टी को प्रचंड जीत दिलाई. 60 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को 43 सीटें मिली.

जनजाति बहुल राज्य में बिप्लव कुमार देव के नेतृत्व में भाजपा ने 20 जनजातीय सीटों में 18 जीत ली. जिससे यह संकेत भी मिलता है कि इस समुदाय का समर्थन भाजपा को हासिल है.

भाजपा ने राज्य में जिष्णु बर्मन को अपना डिप्टी सीएम बनाने का एलान किया है. जिष्णु बर्मन आदिवासी समुदाय से आते हैं. उन्होंने उपमुख्यमंत्री के रूप में अपने चयन पर खुशी जतायी है और कहा है कि वे बिप्लव कुमार देव के साथ राज्य की बेहतरी के लिए काम करेंगे.

बिप्लव कुमार देव ने नीति देव से शादी की है और उन्होंने भी त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में पति का भरपूर साथ दिया. इस दंपती को एक पुत्र व एक पुत्री है. नीति देव ने त्रिपुरा जीत के दिन एक टीवी चैनल से बातचीत करते हुए कहा था कि वे दिल्ली में रहती हैं और अब अपने राज्य में रह सकेंगी. उन्होंने इस दौरानराज्य का माहौल व पूर्वोत्तर में घुसपैठ जैसे मुद्दों पर भी अपनी चिंता जाहिर की थी. जाहिर है पूर्वोत्तर में घुसपैठ पर उनकी चिंता उसी बांग्लादेश से जुड़ी है, जहां से उनके पुरखों का नाता है.

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