लेनिन की मूर्ति पर घमासान जारी: वामदल घटना के खिलाफ देशभर में करेंगे विरोध-प्रदर्शन

अगरतला : दक्षिण त्रिपुरा में कम्युनिस्ट आंदोलन के बड़े नेता ब्लादिमीर लेनिन की दो प्रतिमाएं गिरा दी गयीं जिसके लिए माकपा और बंगाल में इसकी धुर विरोधी तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा को जिम्मेदार ठहराया. विधानसभा चुनावों में भाजपा और इसकी सहयोगी आईपीएफटी द्वारा वामपंथी पार्टी की हार के कुछ दिनों के अंदर ही प्रतिमाओं को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 7, 2018 8:41 AM

अगरतला : दक्षिण त्रिपुरा में कम्युनिस्ट आंदोलन के बड़े नेता ब्लादिमीर लेनिन की दो प्रतिमाएं गिरा दी गयीं जिसके लिए माकपा और बंगाल में इसकी धुर विरोधी तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा को जिम्मेदार ठहराया. विधानसभा चुनावों में भाजपा और इसकी सहयोगी आईपीएफटी द्वारा वामपंथी पार्टी की हार के कुछ दिनों के अंदर ही प्रतिमाओं को गिरा दिया गया. दोनों दलों ने सदन में दो तिहाई बहुमत हासिलकिया, जहां माकपा 25 वर्षों से सत्ता में थी.

बेलोनिया में सोमवार को पांच फुट ऊंची फाइबर ग्लास की प्रतिमा गिरा दी गयी जबकि सबरूम में एक छोटी प्रतिमा ढहा दी गयी. यह जानकारी जिला पुलिस अधीक्षक मोनचाक इप्पर ने दी. त्रिपुरा के पदनामित मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने राज्य के लोगों से अपील की है कि शांति बनाए रखें और कहा कि हिंसा में शामिल लोगों को दंडित किया जाएगा.

नयी दिल्ली में एक अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्य के राज्यपाल तथागत राय और पुलिस महानिदेशक से बात की और नयी सरकार के कार्यभार संभालने तक शांति सुनिश्चित करने के लिए कहा. बेलोनिया में प्रतिमा गिराने की तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने कड़ी निंदा की और घटना के लिए भाजपा तथा आरएसएस को जिम्मेदार ठहराया.

त्रिपुरा माकपा के जिला सचिव तपस दत्ता ने आरोप लगाया कि पार्टी पोलित ब्यूरो के सदस्य और पूर्व महासचिव प्रकाश करातने कुछ महीने पहले, जिस प्रतिमा का अनावरण किया था उसे भाजपा कार्यकर्ताओं ने गिराया. दत्ता ने बताया कि प्रतिमा गिराने के बाद भारत माता की जय के नारे लगाये गये. इप्पर ने कहा कि जिस जेसीबी मशीन से कथित तौर पर प्रतिमा गिरायी गयी. उसके चालक को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके मालिक को नोटिस भेजा गया है.

उन्होंने कहा कि बेलोनिया नगर निगम के अधिकारियों को प्रतिमा सौंपी जाएगी. राज्यपाल राय के एक ट्वीट के बाद घटना ने विवाद का रूप ले लिया. उन्होंने ट्वीट किया कि लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित एक सरकार जो काम करती है उसे दूसरी सरकार खत्म कर देती है और इसका उल्टा भी होता है.

माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने घटनाओं की निंदा की और ट्वीट को‘‘ दुर्भाग्यपूर्ण” करार दिया. उन्होंने कहा कि राज्यपाल का ट्वीट दुर्भाग्यपूर्ण है… यह दर्शाता है कि किस तरह से संवैधानिक पदों को कमतर किया जा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि इस घटना के विरोध में सभी राज्यों की राजधानी में प्रदर्शन होगा.

एक टीवी चैनल ने जब राय से प्रतिक्रिया मांगी तो उन्होंने कहा, ‘‘ येचुरी आरोप लगा सकते हैं. जवाब देना मेरा काम नहीं है.” माकपा ने तीन मार्च को चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद भाजपा और आईपीएफटी पर राज्य भर में‘‘ अभूतपूर्व हिंसा” फैलाने के आरोप लगाये. भाकपा के वरिष्ठ नेता डी राजा ने कहा कि एक पार्टी चुनाव हार सकती है और दूसरी जीत सकती है लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि कोई तोड़फोड़ करने लगे.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लेनिन की प्रतिमाएं गिराने के लिए आरएसएस- भाजपा की आलोचना की.

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