नयी दिल्ली : आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से नाता तोड़ने के मूड में दिखाई दे रहे हैं. इस बीच, सवाल यह भी पैदा होता है कि आखिर ऐसी कौन सी वजहें हैं, जो चंद्रबाबू नायडू एनडीए से अलहदा होना चाहते हैं. मीडिया में आ रही खबरों की मानें, तो चंद्रबाबू जल्द ही इस बात का ऐलान भी कर सकते हैं कि तेलुगूदेशम पार्टी (टीडीपी) केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत एनडीए का साथ छोड़ रही है, क्योंकि केंद्र सरकार उनके राज्य को ‘विशेष दर्जा’ दिये जाने की मांग नहीं मान रही है. सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार में टीडीपी के कोटे से मौजूद मंत्री वाईएस चौधरी तथा अशोक गजपति राजू शनिवार तक इस्तीफा दे सकते हैं. आइए जानते हैं अलहदा होने के कुछ अहम वजहों को…
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विशेष राज्य के दर्जे पर नहीं बन रही बात
आम बजट पेश किये जाने के बाद से टीडीपी के सांसदों ने लगातार केंद्र सरकार पर दबाव बनाया है और नारे लगा-लगाकर संसद का कामकाज बाधित किया है. टीडीपी सांसदों की मांग थी कि आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जे के तहत केंद्रीय सहायता उपलब्ध करवायी जाये, जिसका वादा राज्य में से काटकर नया राज्य तेलंगाना गठित करते हुए किया गया था.
विशेष राज्य के दर्जे पर विपक्षी दलों का मिल रहा साथ
आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने के मसले पर अन्य पार्टियां भी टीडीपी के साथ आ गयी हैं. मंगलवार को न सिर्फ आंध्र प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी वाईएसआर कांग्रेस, बल्कि कांग्रेस तथा तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने भी संसद में विरोध जताया. दिल्ली के जंतर मंतर पर विशेष दर्जा पाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे टीडीपी कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की. इस मुलाकात में इस प्रतिनिधिमंडल से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आश्वासन देते हुए कहा कि हम आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देंगे. उन्होंने भरोसा दिया कि 2019 में सत्ता में आने के बाद हम यह पहला काम करेंगे. राहुल गांधी ने आंध्र प्रदेश की जनता के साथ न्याय करने के लिए भाजपा सरकार को मजबूर करने के उद्देश्य से विपक्षी दलों से एकजुट होने का आग्रह भी किया.
बजट पेश होने के समय से ही नाराज है टीडीपी
केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा पिछले महीने पेश किये गये आम बजट के बाद से टीडीपी नाराज है. टीडीपी की शिकायत है कि आंध्र प्रदेश को नजरअंदाज किया गया है. साथ छोड़ देने की कगार पर पहुंचकर रुक गयी TDP ने चेताया है कि केंद्र को आंध्र प्रदेश के लिए संसद का बजट सत्र खत्म होने से पहले कोई बड़ी घोषणा करनी होगी. जगन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस ने घोषणा की है कि अगर राज्य को विशेष दर्जा दिये जाने की मांग पूरी नहीं हुई, तो छह अप्रैल को उसके सभी पांच सांसद इस्तीफा दे देंगे.
करोड़ों रुपये का पैकेज चाहते हैं चंद्रबाबू
चंद्रबाबू नायडू करोड़ों रुपये का केंद्रीय सहायता पैकेज चाहते हैं, जिसका वादा कांग्रेस-नीत यूपीए सरकार के कार्यकाल में किया गया था. राज्य के राजनैतिक दलों का कहना है कि बंटवारे (आंध्र प्रदेश से तेलंगाना का अलग होना) से आंध्र प्रदेश को राजस्व के क्षेत्र में भारी नुकसान हुआ है. केंद्र सरकार ने वर्ष 2016 में आंध्र प्रदेश के लिए ‘विशेष पैकेज’ की घोषणा की थी, लेकिन टीडीपी का दावा है कि पैकेज के तहत कभी कोई राशि जारी नहीं की गयी. चंद्रबाबू नायडू का कहना है कि वह विशेष पैकेज पर इसलिए सहमत हो गये थे, क्योंकि केंद्र सरकार ने वादा किया था आइंदा किसी भी राज्य को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया जायेगा.
चंद्रबाबू की मांग पर वित्त मंत्री जेटली ने दिया था यह तर्क
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की मांग पर वित्तमंत्री अरुण जेटली ने तर्क दिया था कि राज्य को पहले ही 12,500 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि दी जा चुकी है, जबकि कोई भी काम होता नजर नहीं आया, जैसे नयी राजधानी का निर्माण. वहीं, केंद्र सरकार टीडीपी की मांग के सामने झुकने के लिए तैयार नहीं है, क्योंकि उससे अन्य राज्यों द्वारा भी मिलती-जुलती मांग की जा सकती है.