बेंगलुरु : आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू का राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से नाता तोड़ने के बाद देश में एक नया राजनीतिक रार शरू हो गया है. बुधवार की रात एनडीए आैर केंद्र से नाता तोड़ने के बाद अब आंध्र प्रदेश में टीडीपी सरकार को समर्थन दे रहे भाजपा के सदस्यों ने चंद्रबाबू नायडू मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने का एेलान किया है. आंध्र प्रदेश में भाजपा के एमएलसी पीवीएन माधव ने इस बात का एेलान किया है कि भाजपा के सभी मंत्री टीडीपी मंत्रिमंडल से इस्तीफा देंगे.
Decided that our ministers will resign from TDP Cabinet. We will be going to the people & telling them all the things Centre has done for the state. Since independence till date, no state has received as many favours as that were given to #AndhraPradesh: PVN Madhav, BJP MLC pic.twitter.com/wsXt6O4mNp
— ANI (@ANI) March 8, 2018
इसके साथ ही माधव ने यह भी कहा है कि टीडीपी कैबिनेट से इस्तीफा देने के बाद भाजपा के लोग जनता के बीच जायेंगे आैर उन्हें यह बतायेंगे कि केंद्र ने उनके राज्य के लिए अब तक क्या किया है. उन्होंने कहा कि वह राज्य के लोगों को यह भी बतायेंगे कि आजादी के बाद से अब तक आंध्र प्रदेश को केंद्र की आेर से क्या दिया गया था.
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बता दें कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू का राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से नाता तोड़ने आैर मोदी सरकार से तेलगूदेशम पार्टी (टीडीपी) के दो मंत्रियों का इस्तीफा दिये जाने के एेलान के बाद से देश में राजनीति गरमा गयी है. चंद्रबाबू नायडू ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिये जाने को लेकर उपजी राजनीतिक नाराजगी की वजह से खुद को एनडीए से नाता तोड़ने का फैसला किया है. उन्होंने भाजपा नीत एनडीए सरकार पर यह आरोप लगाये हैं कि केंद्र सरकार ने विशेष राज्य के मसले पर आंध्र प्रदेश की अनदेखी की है. नायडू के इस आरोप को जहां भाजपा सिरे से खारिज कर रही है, वहीं कांग्रेस इस मसले में दखल देकर हाथ सेंकने का काम कर रही है.
राजनीतिक हलकों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि एनडीए से नाता तोड़ने के मामले में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस की भूमिका अहम रही है. इसका कारण यह है कि विशेष राज्य के दर्जे को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे टीडीपी के नेताआें का एक प्रतिनिधिमंडल बीते मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की थी.
इस भेंटवार्ता में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने टीडीपी नेताआें को यह भरोसा दिया है कि जिस तरह यूपीए-दो की सरकार ने राज्य पुनर्गठन अधिनियम के तहत आंध्र प्रदेश आैर तेलंगाना को अलग-अलग राज्य का दर्जा दिया है, यदि 2019 में यूपीए को बहुमत मिलता है आैर केंद्र में उनकी सरकार बनती है, तो आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिया जा सकता है.