भाजपा के दो मंत्रियों ने टीडीपी कैबिनेट से दिया इस्तीफा, आंध्र प्रदेश में गहराया राजनीतिक संकट

अमरावती : आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के द्वारा भाजपा नीत केंद्र सरकार आैर एनडीए से नाता तोड़ने के एेलान के बाद सूबे में राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है. नये घटनाक्रम में आंध्र प्रदेश की टीडीपी सरकार में भाजपा कोटे के दो मंत्रियों ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है. भाजपा कोटे के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 8, 2018 11:01 AM

अमरावती : आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के द्वारा भाजपा नीत केंद्र सरकार आैर एनडीए से नाता तोड़ने के एेलान के बाद सूबे में राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है. नये घटनाक्रम में आंध्र प्रदेश की टीडीपी सरकार में भाजपा कोटे के दो मंत्रियों ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है. भाजपा कोटे के इन दोनों मंत्रियों ने मुख्यमंत्री दफ्तर में जाकर अपना इस्तीफा सौंपा है.

वहीं, संभावना यह भी जाहिर की जा रही है कि तयशुदा एनडीए आैर टीडीपी के राजनीतिक संबंध विच्छेदी कार्यक्रम के अनुसार गुरुवार को केंद्र में शामिल टीडीपी के दो मंत्री अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं. सूत्रों की मानें, तो केंद्रीय मंत्री अशोक गणपति राजू और वाईएस चौधरी गुरुवार को लोकसभा और राज्यसभा में बयान दे सकते हैं. जिसके बाद वह अपना इस्तीफा सौंपेंगे. इसके बावजूद टीडीपी सांसद अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे.

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हालांकि, बताया यह भी जा रहा है कि टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू इस मसले पर गुरुवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करेंगे. पीएम से बात होने के बाद ही नायडू अपने मंत्रियों को अंतिम आदेश देंगे. कुल मिलाकर यह कि प्रधानमंत्री से नायडू की बात होने के बाद ही दोनों मंत्री इस्तीफा दे सकते हैं.

वहीं, भाजपा विधायक अकुला सत्यनारायण ने कहा कि कामिनेनी श्रीनिवास और पायदिकोंडला मणिक्याला राव गुरुवार को इस्तीफा देंगे. ये दोनों विधायक राज्य सरकार में मंत्री हैं. इधर, कांग्रेस ने 13 मार्च को सोनिया गांधी की ओर से बुलायी गयी विपक्ष की बैठक के लिए टीडीपी को भी न्यौता भेजा है.

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी के शीर्ष नेता चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार देर रात प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि उनके राज्य के साथ अन्याय हुआ है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने का वादा नहीं निभाया है. इस वजह से हमने केंद्र सरकार से अलग होने का फैसला किया है. नायूड ने यह भी कहा कि वे सत्ता के भूखे नहीं हैं.

चंद्रबाबू नायडू ने साफ किया कि अभी उन्होंने मांग पूरी न होने पर पहले कदम के रूप में केंद्रीय मंत्रिमंडल से अलग होने का फैसला किया है. इसके बाद अगला कदम एनडीए में रहने पर उठाया जायेगा. उन्होंने कहा कि अब इस बात पर निर्णय लिया जायेगा कि एनडीए में रहना है या नहीं. नायडू ने कहा कि मैंने सरकार से बहुत विनम्रता से कहा था.

उन्होंने कहा कि पिछले चार साल से हमने बहुत मेहनत की है और सभी विकल्पों पर काम किया है. यहां तक कि आज दोपहर के भाषण में भी मैंने कुछ नहीं बोला. मैंने सिर्फ राज्य के साथ अन्याय की बात कही. नायडू ने ये भी कहा कि उन्होंने इस फैसले की जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देनी चाही, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका.

हालांकि टीडीपी के दोनों मंत्रियों ने बुधवार को संसद में हुई कैबिनेट की मीटिंग में हिस्सा लिया था. इससे पहले, मंगलवार को अमरावती में टीडीपी विधायक दल की बैठक भी हुई थी, जिसमें ज्यादातर विधायकों ने बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ने की बात कही थी. बैठक में पार्टी के 125 विधायकों ने हिस्सा लिया था.

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