नेफ्यू रियो : कांग्रेस का असंतुष्ट नेता कैसे बन गया भाजपा के लिए नागालैंड में सत्ता की सीढ़ी?
‘सेवेन्थ सिस्टर’ के नाम से मशहूर देश के पूर्वोत्तर हिस्सों के सात राज्यों में बीजेपी के लिए पांव जमा पाना आसान नहीं था.इसलिए नार्थइस्ट में जीत के बाद भाजपा के शीर्ष नेता व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नारा दिया नो वन से वून, यानी जब हमारा वहां कोई आदमी नहीं था, वहां हम विजयी हुए […]
‘सेवेन्थ सिस्टर’ के नाम से मशहूर देश के पूर्वोत्तर हिस्सों के सात राज्यों में बीजेपी के लिए पांव जमा पाना आसान नहीं था.इसलिए नार्थइस्ट में जीत के बाद भाजपा के शीर्ष नेता व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नारा दिया नो वन से वून, यानी जब हमारा वहां कोई आदमी नहीं था, वहां हम विजयी हुए हैं. दिलचस्प बात यह कि इन राज्यों में भाजपा को कांग्रेस के अंसतुष्ट नेताओं का साथ मिला. बीजेपीको नये बनते समीकरण काम आये और अब त्रिपुरा, मेघालय समेत नागालैंड में भी पार्टी सत्ता में आ गयी है. नागालैंड में नेफ्यू रियो ने 11 कैबिनेट मंत्रियों के साथ आज शपथ लिया. कांग्रेस के ढहते संगठन के सबसे बड़े प्रतीक के रूप में उभरे नेफ्यू रियो नागालैंड के सबसे बड़े नेता हैं.नागालैंड के तीन बार मुख्यमंत्री और लोकसभा सदस्य रहे नेफ्यू रियो शुरुआती राजनीति में वह कांग्रेस पार्टी के हिस्सा थे.
दरअसल, नेफ्यू रियो ही नहीं असम और मेघालय में भी कांग्रेस के पूर्व नेता भी भाजपा के लिए सत्ता में पहुंचने का माध्यम बने. असम में भाजपा सरकार में नंबर दो कीहैसियतरखने वाले शख्स हेमंत बिस्वा सरमा पूर्व कांग्रेस नेता हैं और हालिया चुनाव में पूर्वोत्तर विजय के वे बड़े सूत्रधार हैं. असम के भाजपाई मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनेवाल पहले असम गण परिषद के नेता हैं. मेघालय में भी भाजपा जिनके जरिये सत्ता में आयी उनका पूर्व में कांग्रेस से नाता रहा है.