हैदराबाद : तेलगुदेशम पार्टी के प्रमुख व आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू आज राज्य को विशेष दर्जा नहीं दिये जाने पर केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली पर जमकर बरसे. विधानसभा के सत्र को संबोधित करते हुए चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि अरुण जेटली ने कल इस मुद्दे पर जो कुछ कहा वह अच्छा नहीं है. उन्होंने कहा कि आप (भाजपा) पूर्वोत्तर राज्यों का हाथ थामे रहते हैं परंतु आंध्रप्रदेश का नहीं, आप उन्हें औद्योगिक प्रोत्साहन देते हैं पर आंध्रप्रदेश को नहीं. यह भेदभाव क्यों? उन्होंने इस बात की पुष्टि भी की कि उनके दो मंत्रियों ने केंद्रीय कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है और राज्य में भाजपा के मंत्रियों ने उनके कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है. आंध्र के भाजपा नेताओं ने भी टीडीपी के खिलाफ जनता के बीच जाने की बात कही है. ज्ञात हो कि चंद्रबाबू नायडू ने कल रात ही नरेंद्र मोदी सरकार से अपने मंत्रियों के बाहर आने का एलान कर दिया था और उन्होंने कहा था कि उन्होंने प्रधानमंत्री से संपर्क करने की कोशिश की थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. चंद्रबाबू ने हालांकि एनडीए छोड़ने की घोषणा अभी नहीं की है.
What Arun Jaitley spoke yesterday is not good. You are holding hand of the North Eastern states but not Andhra Pradesh's. You are giving industrial incentives to them, not to Andhra Pradesh. Why this discrimination?: #AndhraPradesh CM N Chandrababu Naidu in state assembly pic.twitter.com/1RtJsx7sRt
— ANI (@ANI) March 8, 2018
इस राजनीतिक स्थिति पर आंध्रप्रदेश से आने वाले कांग्रेस की नेता रेणुका चौधरी ने कटाक्ष किया है. उन्होंने कहा है कि क्या संकट है? यह एक मैच फिक्सिंग की तरह है, उनका अभी गंठबंधन से बाहर आना बाकी है. दो मंत्रियों के इस्तीफा से क्या होता है? अगर आप गंभीर हैं तो गंभीरता से यह करें. केंद्र सरकार में तेलगुदेशम पार्टी के दो मंत्री थे, एक नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू और दूसरे विज्ञान एवं तकनीकी मंत्री सुजाना चौधरी.
What crisis? This is like match fixing. They are still pretending to withdraw (from the alliance). What would happen if 2 ministers resign? If you are serious do it seriously: Renuka Chowdhury, Congress on #AndhraPradesh pic.twitter.com/tpBoYMXgrF
— ANI (@ANI) March 8, 2018
कल वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आंध्रप्रदेश मुद्दे पर एक प्रेस कान्फ्रेंस कर कहा था कि केंद्र आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देनेसे यह कहते हुए इनकार कर दिया थाकि विशेष राज्य के दर्जे के बराबर केंद्र आर्थिक सहायता दे सकता है. ध्यान रहे कि कुछ वर्ष पूर्व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी बड़ेस्तर पर अपने राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने का अभियान चलाया था. ऐसे में केंद्र राजनीतिक वजहों से भी ऐसे दर्जे देने से परहेज करता रहा है कि ऐसी मांगें और तीव्र हो जाएंगी.
Delhi: YSR Congress MPs protest outside Parliament over special category status to #AndhraPradesh pic.twitter.com/GqZE9wVeP2
— ANI (@ANI) March 8, 2018
तेलगुदेशम पार्टी दक्षिण भारत में भारतीय जनता पार्टी का सबसे बड़ा सहयोगी है और राजनीतिक रूप से वह बेहद अहम है. उसके पास लोकसभा में 16 व राज्यसभा में चार सदस्य हैं. एक साल बाद होने जा रहे लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भी उसकी दोस्ती भाजपा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. फरवरी में वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा आम बजट पेश किये जाने के बाद ही चंद्रबाबू नायडू ने केंद्र पर आंध्रप्रदेश की उपेक्षा का आरोप लगाया था और यह संकेत दिया था कि उनके पास भाजपा सरकार के बाहर आने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. उनकी पार्टी के कुछ नेताओं ने इस स्थिति की तुलना युद्ध के एलान से की थी.
Our 2 ministers in the govt will be resigning today. No one from AP was willing to bifurcate, all resources related to generation of employment were in Hyderabad, bifurcation was not done in a scientific way & injustice done with the Andhra Pradesh: Srinivas, TDP in Delhi pic.twitter.com/kvZpwfEtV6
— ANI (@ANI) March 8, 2018