नयी दिल्ली : कांग्रेस ने गुरुवार को मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि वह हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के प्रति ‘दरियादिली’ दिखा रही थी और 80:20 सोना आयात योजना को खत्म करके ‘छप्पड़ फाड़ मुनाफा’ कमाने में उनकी मदद की गयी. कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने दावा किया कि मोदी सरकार ने 28 नवंबर 2014 को सोने के आयात पर सभी बंदिशें हटा ली जिससे मेहुल चोकसी की कंपनियों को अपना कारोबार और मुनाफा200 फीसदी तक बढ़ाने में मदद मिली.
सोना और कच्चे तेल के व्यापक आयात के कारण ‘चालू खाते में दबाव’ के मद्देनजर यूपीए सरकार ने 2013 में सोना के आयात पर बंदिशें लगा दी थीं और 80:20 योजना के तहत मूल्य संवर्धन के बाद आयातित सोने का 20 फीसदी निर्यात करना जरूरी बना दिया. भाजपा ने पहले दावा किया था कि निजी कंपनियों को ‘फायदा पहुंचाने के लिए’ सोना आयात योजना की शुरुआत की गयी थी.
सत्ताधारी भाजपा पर पलटवार करते हुए सुरजेवाला ने केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद से पूछा कि क्या वह 80:20 योजना को ‘घोटाला’ मानते हैं और क्या वह भाजपा नेता एवं रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ मामला दर्ज करेंगे जिन्होंने मोदी सरकार में वाणिज्य मंत्री के पद पर रहते हुए संसद में इस योजना और ‘प्रमुख व्यापारिक घरानों’ की ओर से सोने के आयात को सही ठहराया.
सुरजेवाला ने पत्रकारों को बताया, ‘80:20 सोना आयात योजना को खत्म कर मोदी सरकार ने नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के प्रति दरियादिली दिखायी जिससे उन्हें 200 फीसदी छप्पड़फाड़ मुनाफा कमाने में मदद मिली. क्या सोना आयात योजना 80:20 खत्म करने से नीरव मोदी और मेहुल चोकसी जैसों को सोने के नि:शुल्क और बेलगाम आयात करने में मदद नहीं मिली?
सुरजेवाला ने सवाल किया, ‘क्या इससे उनकी कंपनियों की किस्मत में गजब का बदलाव नहीं आया कि घाटे में चल रही कंपनियां 200 फीसदी तक मुनाफा कमाने लगीं?’ नीरव मोदी और मेहुल चोकसी 12,636 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले में आरोपी हैं.