भैयाजी जोशी लगातार चौथी बार बने संघ के सरकार्यवाह, किसी और के नाम का नहीं आया प्रस्ताव

नागपुर : वर्ष 2009 से आरएसएस का महासचिव पद संभाल रहे भैयाजी जोशी को शनिवार को तीन साल का एक और कार्यकाल सौंपा गया. आरएसएस के प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘सरकार्यवाह का चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ और सुरेश भैयाजी जोशी को एक और कार्यकाल के लिए पुन: निर्वाचित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 10, 2018 7:26 PM

नागपुर : वर्ष 2009 से आरएसएस का महासचिव पद संभाल रहे भैयाजी जोशी को शनिवार को तीन साल का एक और कार्यकाल सौंपा गया. आरएसएस के प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘सरकार्यवाह का चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ और सुरेश भैयाजी जोशी को एक और कार्यकाल के लिए पुन: निर्वाचित किया गया.’

वह संघ की तीन साल में एक बार होनेवाली एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद बोल रहे थे. जोशी अब 2021 तक यह पद संभालेंगे. बैठक में मौजूद सूत्रों के अनुसार, किसी अन्य नाम का प्रस्ताव सामने नहीं आया. संघ के महासचिव इसके कार्यकारी प्रमुख होते हैं जो संगठन के रोजाना के कार्यों की देखरेख करते हैं.

संघ के वर्तमान सरकार्यवाह भैयाजी जोशी की जगह उनके पद पर दत्तात्रेय होसबले के नाम की जोरदार चर्चा थी. भैयाजी जोशी की कार्यप्रणाली संघ की पारंपरिक कार्यप्रणाली जैसी ही है. खासतौर पर वे सक्रिय राजनीतिक गतिविधियों और बयानों से दूर रहते हैं. जबकि, दत्तात्रेय होसबले राजनीतिक गतिविधियां ज्यादा हैं. दत्तात्रेय होसबले की पृष्ठभूमि एबीवीपी की है. वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से संघ के प्रचारक बने हैं, जबकि भैयाजी जोशी संघ से ही हमेशा जुड़े रहे. चर्चा है कि इन्हीं कारणों से आखिर में भैयाजी जोशी का चयन सरकार्यवाह पद के लिए हुआ.

हालांकि इस पद के लिए दत्तात्रेय होसबोले के अलावार सुरेश सोनी और डॉक्टर कृष्ण गोपाल का नाम आगे चल रहा था. ऐसा माना जाता है कि दत्तात्रेय होसबले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाते हैं. उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के दाैरान होसबोले को पटना से लखनऊ बुलाया गया था. जिसके बाद उन्होंने विधानसभा चुनाव में अहम भूमिका निभायी थी. उन्होंने पार्टी के पोलिंग बूथ लेवल तक के कार्यकर्ताओं को संगठित किया था. ऐसे में उनके सरकार्यवाह बनने से संघ में मोदी का दखल बढ़ सकता था. शायद यही वजह रही होगी कि उन्हें सरकार्यवाह नहीं चुना गया.

पिछले नौ साल से भैयाजी जोशी संघ के सरकार्यवाह हैं. उनका तीसरा कार्यकाल इसी साल खत्म होनेवाला था. लेकिन, संघ ने उन्हें चौथी बार भी सरकार्यवाह नियुक्त किया. उनकी तबीयत खराब होने की वजह से कयास लगाये जा रहे थे कि इस बार दत्तात्रेय होसबोले अगले सरकार्यवाह चुने जा सकते हैं. वो अभी सह-सरकार्यवाह की भूमिका में हैं. वैसे दत्तात्रेय कर्नाटक से आते हैं, अगर वो सरकार्यवाह चुने जाते तो पार्टी को कर्नाटक में होने जा रहे विधानसभा चुनाव भाजपा को में फायदा मिल सकता था. कर्नाटक के अलावा राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में भी विधानसभा चुनाव होने हैं. इन विधानसभा चुनावों के परिणाम साल 2019 में होनेवाले लोकसभा चुनाव काे काफी हद तक प्रभावित कर सकते हैं.

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