26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

डोकलाम को लेकर चल रहे तनाव के बीच रक्षा मंत्री सीतारमण अगले महीने जायेंगी चीन

नयी दिल्ली : रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि वह अगले महीने चीन की यात्रा पर जायेंगी. डोकलाम गतिरोध के बाद दोनों देशों बीच संबंधों में आये तनाव के मद्देनजर यह एक अहम यात्रा होगी. रक्षा मंत्री ने अपनी चीन यात्रा पर एक सवाल के जवाब में कहा, ‘हां, यात्रा संभवत: अप्रैल […]

नयी दिल्ली : रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि वह अगले महीने चीन की यात्रा पर जायेंगी. डोकलाम गतिरोध के बाद दोनों देशों बीच संबंधों में आये तनाव के मद्देनजर यह एक अहम यात्रा होगी. रक्षा मंत्री ने अपनी चीन यात्रा पर एक सवाल के जवाब में कहा, ‘हां, यात्रा संभवत: अप्रैल के आखिर में कभी होगी.’ हालांकि, उन्होंने बैठक के एजेंडा के बारे में नहीं बताया.

गौरतलब है कि पिछले साल अगस्त में भारत और चीन ने डोकलाम में दोनों देशों के सैनिकों के बीच 73 दिनों से चले आ रहे गतिरोध को खत्म करने का फैसला किया था. इस गतिरोध के चलते दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव आ गया था. डोकलाम से भारत और चीन द्वारा अपने-अपने सैनिकों को हटाये जाने के बावजूद इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच संबंधों में जमी बर्फ अब तक नहीं पिघली है.

रक्षा मंत्री ने कहा, देश के रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों और आयुध कारखानों में काफी संभावनाएं हैं, लेकिन इन उपक्रमों को पुनर्जीवित करने और उन्हें अधिक गतिशील बनाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि 8.6 लाख हथियारों की खरीद के लिए आवश्यकता की स्वीकृति (एओएन) की जा चुकी है. यह सेना के लिए हथियारों की खरीद की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है. इन 8.6 लाख हथियारों में असाल्ट राइफलें, नजदीक से लड़ाई में इस्तेमाल की जानेवाली कार्बाइन, कार्बाइन और हल्की मशीन गनें शामिल हैं.

निर्मला ने कहा कि इन हथियारों के पूरे आॅर्डर भारतीय उद्योगों को दिये जाने हैं. हालांकि, इसमें आयुध निर्माणी बोर्ड को अलग रखा गया है. उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि भारत में निजी क्षेत्र में हथियारोंका विनिर्माण शुरू हो. उन्होंने कहा कि तोपें, टैंक, पैदल टुकड़ियों के लिए वाहन और विमान भेदी तोपों सहित आठ अलग-अलग तरह के सैन्य साजो-सामान को भारतीय उद्योगों से विनिर्मित कराने के लिए चुना गया है. सैन्य साजो- सामान : मेक इन इंडिया संभावनाएं एवं चुनौतियां विषय पर आयोजित सम्मेलन में उन्होंने कहा कि भारत सालों से सार्वजनिक उपक्रमों और आयुध फैक्टरियों के जरिये रक्षा उत्पादन में भारी निवेश करता रहा है. उन्होंने कहा कि ये रक्षा उत्पादन इकाइयां सशस्त्र सेना की जरूरतों को पूरा करने के लिये काफी अहम भूमिका निभा रहीं हैं.

हालांकि, उन्होंने कहा, ‘हमारे लिए यह काफी महत्वपूर्ण होगा कि इन इकाइयों को अधिक गतिशील बनाया जाये. हमें इन्हें पुनर्जीवित करना होगा, इनका पुनरुद्धार करना होगा, ताकि वह समय से पहले ही तैयारी में रहें.’ रक्षा मंत्री ने रक्षा साजो-सामान के घरेलू उत्पादन पर जोर देते हुए कहा कि सरकार का जोर हथियारों के घरेलू स्तर पर डिजाइन करने, उन्हें विकसित करने और देश में ही उनका विनिर्माण करने पर है. हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि यह केवल मेक इन इंडिया के लिए अलग से नहीं है. संयुक्त उद्यम भी बना सकते हैं. प्रौद्योगिकी लाइये और विनिर्माण करेंं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें