ऐसा कैसे चलेगा? महाराष्ट्र में कुएं में मिले फेंके हुए सैंकड़ों आधार कार्ड
एक तरफ सरकार ने आम आदमी को उसकी पहचान देने के लिए आधार मुहैया कराने और उसे जरूरी सेवाओं से जोड़ने के लिए अभियान छेड़ रखा है, वहीं बन जाने के बाद आधार को उसके ‘मालिक’ तकपहुंचाने में सरकारी मशीनरीज जैसे असफल हो रही हैं. ताजा मामला महाराष्ट्रके यवतमाल काहै, जहां युवकों के एक समूह […]
एक तरफ सरकार ने आम आदमी को उसकी पहचान देने के लिए आधार मुहैया कराने और उसे जरूरी सेवाओं से जोड़ने के लिए अभियान छेड़ रखा है, वहीं बन जाने के बाद आधार को उसके ‘मालिक’ तकपहुंचाने में सरकारी मशीनरीज जैसे असफल हो रही हैं.
ताजा मामला महाराष्ट्रके यवतमाल काहै, जहां युवकों के एक समूह ने आज जिले के एक कुएं की सफाई के दौरान सैकड़ों आधार कार्ड फेंका हुआ पाया. एक अधिकारी ने आज यह जानकारी दी.
जिला प्रशासन ने इस संबंध में जांच के आदेश दिये हैं. वहीं डाक विभाग के अधिकारियों के खिलाफ इस संबंध में प्राथमिकी भी दर्ज हुई है. अधिकारी ने बताया कि शिंदे नगर क्षेत्र के एक मंदिर के कुएं में कुछ प्लास्टिक बैग पाये जाने के बाद युवक उसकी सफाई का काम कर रहे थे.
बैग खोलने के बाद उसमें आधार कार्ड की सैंकड़ों मूल प्रति देखकर वे हैरान रह गये. इनमें से ज्यादातर आधार कार्ड शहर के बाहरी क्षेत्र में स्थित लोहारा गांव के लोगों के थे.
ज्यादातर आधार कार्ड पहचान के लायक नहीं रहगयेथे. लेकिन 157 आधार कार्डों को थोड़ा ही नुकसान पहुंचा था. इन पर छपी यूनिक आइडेंटिफिकेशन संख्या पढ़ी जा सकती थी.
इन आधार कार्डों को तहसीलदार सचिन शेजल ने अपने कब्जे में ले लिया है. शिकायत के बाद यवतमाल के कलेक्टर राजेश देशमुख ने तहसीलदार को इस संबंध में जांच करने और रिपोर्ट देने का आदेश दिया.
पंचनामे के बाद तहसीलदार ने कल अवधूतवादी में डाक विभाग के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी. बरामद किये गये आधार कार्ड साल 2011 और 2014 के बीच भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने जारी किये हैं.
गौरतलब है कि इससे पहले भी देश के विभिन्न हिस्सों में आधार कार्ड बहुतायत में लावारिस हाल में पड़े मिलनेकी कई घटनां सामने आ चुकी हैं.