चंडीगढ़ : बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती नेे आज कांशीराम की जयंती के मौके पर चंडीगढ़ में एक रैली को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी-अमित शाह की अगुवाई वाली भारतीय जनता पार्टी पर तीखा हमला बोला. मायावती ने यह रैली उत्तरप्रदेश उपचुनाव के परिणाम आने के ठीक एक दिन बाद संबोधित किया है, जिसमें बसपा के समर्थन से अखिलेश यादव की अगुवाई वाली समाजवादी पार्टी ने दोनों सीट गोरखपुर व फूलपुर जीत ली. ये दोनों सीटें भाजपा की थी और गोरखपुर सीट उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खाली की थी, जबकि फूलपुर सीट उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने खाली की थी. मायावती ने भी आज अपने संबोधन में दलित-पिछड़ा गठजोड़ को मजबूत करने का संकेत दिया और भाजपा को पूंजीपतियों का शुभचिंतक बताते हुए सरकार से बाहर करने का अाह्वान किया.उपचुनावपरिणामआने के बाद कल से अखिलेश बार-बार दलित-पिछड़ासमीकरण को इसका श्रेय दे रहे हैं. यही मायावती ने अपने संबोधन में आज मंडल कमीशन और पिछड़ों के आरक्षण के मुद्दे का उल्लेख कर भविष्य के राजनीति को लेकर अपनी मंशा जाहिर कर दी.
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा इसलिए दिया था क्योंकि दलित छात्र रोहित वेमुला के मौत मामले में उन्हें अपनी बातें ठीक से रखने का मौका नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि हम अपने देश में कमजोर वर्ग, पिछड़ों, दलितों व गरीबों की बात भी सहीं ढंग से नहीं रख सकते हैं. उन्होंने कहा कि पूरे देश में सर्व समाज के लोगों, दलितों, आदिवासियों व पिछड़ों, मुसलिमों व अन्य वर्ग के धार्मिक अल्पसंख्यकों को एकजुट करना जरूरी है. उन्होंने कहा कि इन्हें सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ जागरूक करना जरूरी है.
बसपासुप्रीमो ने कहा कि सभी विरोधी पार्टियाें को निजी सेक्टर में आरक्षण नहीं दिये जाने के मुद्दे पर सोचना होगा. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने निजी सेक्टर में आरक्षण की व्यवस्था नहीं की है और अपने मंत्रालयों के काम बड़ी-बड़ी निजी कंपनियों को सौंप दिये हैं, जिससे पिछड़े वर्ग के लोग इससे वंचित हो जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मंडल कमीशन को लागू करवाने व अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिलाने में उनकी पार्टी का ही प्रमुख योगदान रहा. इसके लिए उनकी पार्टी ने दिल्ली में कांग्रेस के खिलाफ छह माह तक धरना दिया था. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार आरएसएस का एजेंडा लागू करना चाहती है.