केजरीवाल की पार्टी के संकट पर नीरजा चौधरी की त्वरित टिप्पणी, लोगों को निराशा हाथ लग रही है…
केजरीवाल ने अकाली नेता विक्रम सिंह मजीठिया से माफी मांगी है और यह माफीनामा कल से सोशल मीडिया में वायरल है.पूरी घटनाक्रम को लेकर आप नेताओं में बेहद नाराजगी है.पार्टी के पंजाब प्रांत अध्यक्ष भगवंत सिंह मान ने इस्तीफा दे दिया. वहीं आम आदमी पार्टी से पूर्व में जुड़े रहे मयंक गांधी ने भी ट्वीट […]
केजरीवाल ने अकाली नेता विक्रम सिंह मजीठिया से माफी मांगी है और यह माफीनामा कल से सोशल मीडिया में वायरल है.पूरी घटनाक्रम को लेकर आप नेताओं में बेहद नाराजगी है.पार्टी के पंजाब प्रांत अध्यक्ष भगवंत सिंह मान ने इस्तीफा दे दिया. वहीं आम आदमी पार्टी से पूर्व में जुड़े रहे मयंक गांधी ने भी ट्वीट कर नाराजगी जतायी है.
He has reached depth that we had never imagined. Ashamed that we were part of all the lies and deceit. https://t.co/Zx9Hufz8Mx
— Mayank Gandhi (@mayankgandhi04) March 15, 2018
आम आदमी पार्टी की राजनीतिक शैली के बारे में प्रभात खबर कॉम के साथ विशेष बातचीत में वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी ने बताया कि देश में असम गण परिषद के बाद पहली बार किसी एक्टिविस्ट ने चुनाव जीता है. आज तक सामाजिक कार्यकर्ता चुनाव हारते रहे हैं. ज्यादातर सामाजिक कार्यकर्ताओं के जमानत जब्त हुए हैं. लेकिन केजरीवाल एक विरले शख्स थे, जिन्होंने चुनावी राजनीति में जबरदस्त जीत हासिल की. नये-नये लोग जुड़ने को तैयार थे. कई ऐसे लोग हुए जो अपनी नौकरियां छोड़ आम आदमी पार्टी में शामिल हुए. लोगों को लगा कि कुछ नया होने वाला है लेकिन हाल ही में कई घटनाओं से विश्वास टूट गया. सिविल सोसाइटी से उपजी पार्टी से लोगों को निराशा हाथ लग रही है.
केजरीवाल के माफीनामा को लेकर नीरजा चौधरी ने बताया कि आज के दौर में मानहानि का मुकदमा झेलना आसान बात नहीं होता है. इसके लिए संसाधन की जरूरत पड़ती है और लंबा मुकदमा झेलना पड़ता है. नयी पार्टी के लिए इन सब दिक्कतों का सामना कर पाना आसान नहीं है.
राज्यसभा में एनडी गुप्ता और सुशील गुप्ता को भेजा
राज्यसभा में एनडी गुप्ता और सुशील गुप्ता को भेजा गया. ये गुमनाम चेहरे थे. पार्टी में ये कभी सक्रिय नहीं दिखे. आम जनता के पास यह संदेश पहुंचा कि आम आदमी पार्टी सिर्फ पैसों के लिए राज्यसभा की सीट से समझौता कर लिया. पार्टी में कई लोग थे, जो अपनी-अपनी नौकरियों को छोड़ आप में शामिल थे. वैचारिक रूप से प्रतिबद्ध लोगों को भेजने से पार्टी की आवाज और बुलंद होती. सिर्फ धनाढ्य लोगों को भेजने सेपार्टी सिर्फ सर्वाइवल के लिए राजनीति कर रही है. हालांकि केजरीवाल मुहल्ला क्लिनिक, सरकारी स्कूलों और पानी के मुद्दे पर अच्छा काम भी कर रहे हैं.