आतंकवादी गतिविधियों से सख्ती से निबटें:कोर्ट

नयी दिल्ली:उच्चतम न्यायालय ने कहा कि आतंकवादी गतिविधियों से कानून के सख्त हाथों से निबटा जाना चाहिए, क्योंकि यह कानून की पवित्रता के साथ खिलवाड़ करते हैं. न्यायालय ने 1996 में गणतंत्र दिवस के अवसर पर सवाई मान सिंह स्टेडियम पर हुए विस्फोट में चार दोषियों की सजा बरकरार रखते हुए यह टिप्पणी की. न्यायमूर्ति […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 10, 2014 6:34 AM

नयी दिल्ली:उच्चतम न्यायालय ने कहा कि आतंकवादी गतिविधियों से कानून के सख्त हाथों से निबटा जाना चाहिए, क्योंकि यह कानून की पवित्रता के साथ खिलवाड़ करते हैं. न्यायालय ने 1996 में गणतंत्र दिवस के अवसर पर सवाई मान सिंह स्टेडियम पर हुए विस्फोट में चार दोषियों की सजा बरकरार रखते हुए यह टिप्पणी की.

न्यायमूर्ति केएस राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति दीपक मिश्र की खंडपीठ ने कहा, ‘हमारे जैसा महान देश इस तरह की आतंकवादी गतिविधियों के आगे झुक नहीं सकता, क्योंकि यह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदनीय है. इसे बर्दाश्त करने का मतलब हार स्वीकार करना है.’ न्यायाधीशों ने राजस्थान उच्च न्यायालय और निचली अदालत के निर्णय से सहमति व्यक्त करते हुए सभी अभियुक्तों की अपील खारिज कर दी.

न्यायालय ने कहा कि कानून खामोश नहीं रह सकता, क्योंकि यह उसका कर्तव्य है कि शांति पर होनेवाले इस तरह के हमलों का प्रतिरोध करे. सत्र अदालत ने पाकिस्तानी नागरिक अब्दुल मतीन के साथ ही चंद्र प्रकाश, अब्दुल हमीद और रईस बेग को दस-दस साल की कैद की सजा सुनायी थी. उच्च न्यायालय ने इस सजा को बरकरार रखा था.

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