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PM मोदी के वादे राजनीतिक ड्रामेबाजी, आम चुनाव में समान विचारों वाली पार्टियों से हाथ मिलायेंगे : कांग्रेस

नयी दिल्ली : कांग्रेस ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि 2014 के आम चुनाव में ‘सबका साथ, सबका विकास’ और ‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा’ का उनका नारा दरअसल सत्ता हथियाने के लिए की गयी ‘राजनीतिक ड्रामेबाजी’ थी. साथ ही पार्टी ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि […]

नयी दिल्ली : कांग्रेस ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि 2014 के आम चुनाव में ‘सबका साथ, सबका विकास’ और ‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा’ का उनका नारा दरअसल सत्ता हथियाने के लिए की गयी ‘राजनीतिक ड्रामेबाजी’ थी. साथ ही पार्टी ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा को शिकस्त देने के लिए उसे समान विचारों वाली पार्टियों से हाथ मिलाने में कोई गुरेज नहीं होगा.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में यहां इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में पार्टी के 84वें महाधिवेशन के पहले दिन पार्टी ने प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार पर तीखा हमला बोलकर संकेत दिया कि वह आगामी चुनाव में भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए ‘कोई भी बलिदान’ देने को तैयार है. साथ ही विपक्षी दलों को स्पष्ट संदेश कि उनके साथ सहयोग करने के लिए वह ‘साझा व्यावहारिक’ गठबंधन करने को तैयार है.

राहुल की अगुवाई में पहली बार हो रहे पार्टी महाधिवेशन में उन्होंने अपने दल के नेताओं एवं कार्यकताओं के माध्यम से देश को यह संदेश दिया कि अकेले कांग्रेस ही ‘देश को दिशा दे सकती है.’ उन्होंने सत्तारूढ़ भाजपा का नाम लिये बिना उस पर देश में गुस्सा फैलाने तथा युवाओं एवं किसानों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से कोई दिशा नहीं मिल पाने का आरोप लगाया.

उन्होंने कहा, ‘देश में गुस्सा फैलाया जा रहा है. देश को बांटा जा रहा है. हिन्दुस्तान के एक व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति से लड़ाया जा रहा है.’ उन्होंने कहा कि हमारा काम जोड़ने का है. यह हाथ का निशान (कांग्रेस का चुनाव चिन्ह) ही देश को जोड़ सकता है. देश को आगे ले जा सकता है. उन्होंने कहा कि महाधिवेशन का लक्ष्य कांग्रेस और देश को आगे का रास्ता दिखाने का है.

उन्होंने युवाओं के मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा, ‘युवा जब मोदीजी की ओर देखता है तो उन्हें रास्ता नहीं दिखता. उन्हें यह बात समझ नहीं आती कि उन्हें रोजगार कहां से मिलेगा? किसानों को सही दाम कब मिलेगा? तो देश एक प्रकार से थका हुआ है. रास्ता ढूंढ रहा है.’

राहुल ने महाधिवेशन में भाग ले रही संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन ​सिंह, वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह आदि का नाम लेते हुए कहा कि इन नेताओं ने कांग्रेस की लड़ाई लड़ी. इसके लिए उन्होंने इन नेताओं का आभार व्यक्त किया. महाधिवेशन में संप्रग अध्यक्ष ने मोदी सरकार और भाजपा को लेकर तीखे हमले किये. उन्होंने इसके साथ ही कहा कि 2014 का ‘सबका साथ, सबका विकास’ और ‘न खाऊंगा और न खाने दूंगा’ का उसका नारा दरअसल सत्ता हथियाने के लिए की गयी ‘राजनीतिक ड्रामेबाजी’ थी.

उन्होंने कहा, ‘पिछले चार साल में कांग्रेस को तबाह करने के लिए अहंकार और सत्ता के मद में चूर सरकार ने कोई कसर बाकी नहीं रखी. साम-दाम-दंड-भेद का खुला खेल चल रहा है. लेकिन सत्ता के अहंकार के आगे कांग्रेस न तो कभी झुकी है और न कभी झुकेगी.’ उन्होंने कहा, ‘मोदी सरकार के तानाशाहीपूर्ण तौर-तरीकों, और संविधान की उपेक्षा, उनकी अहंकारी विचारधारा, विपक्ष के खिलाफ गंभीर मुकदमे लगाना और मीडिया को सताना जैसे षड्यंत्रों का पर्दाफाश करने में कांग्रेस आगे रहकर संघर्ष कर रही है.’

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