नयी दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और अधिवक्ता अमित सिब्बल से माफी मांगने के बाद इन दोनों द्वारा दर्ज कराये गये दो अलग-अलग मानहानि मामलों में केजरीवाल को सोमवार को बरी कर दिया गया. अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने सिब्बल द्वारा दर्ज कराये गये मामले में केजरीवाल के साथ सह-आरोपी उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया को भी बरी किया, क्योंकि उन्होंने भी पत्र भेजकर वकील से माफी मांग ली. दोनों मामलों में शिकायतकर्ताओं द्वारा माफी स्वीकार करने के बाद अदालत ने यह राहत दी. हालांकि, सिब्बल के मानहानि मामले में अधिवक्ता प्रशांत भूषण और भाजपा नेता शाजिया इल्मी के खिलाफ कार्यवाही जारी रहेगी.
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केजरीवाल ने माफी वाले दो अलग-अलग पत्रों में कहा कि उन्हें सत्यापन के बिना टिप्पणियां करने का खेद है और वह स्वीकार करते हैं कि ये ‘निराधार आरोप’ थे. अमित सिब्बल द्वारा 2013 में दर्ज कराये गये मामले में यह आरोप लगाया गया कि केजरीवाल, सिसौदिया, भूषण और उस समय आप की सदस्य रहीं शाजिया ने वोडाफोन कर मामले में उन्हें तथा उनके पिता कपिल सिब्बल को निशाना बनाया था. गडकरी द्वारा दर्ज मानहानि मामले में आरोप लगाया गया था कि केजरीवाल ने उन्हें ‘भारत के सबसे भ्रष्ट लोगों’ में शामिल बताया था.
इससे पहले, केजरीवाल के माफी मांगे जाने के बाद वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने स्वीकार कर लिया है कि कुछ साल पहले उन्होंने मुझ पर और मेरे बेटे पर जो आरोप लगाये थे, वे आधारहीन थे. उन्होंने अब उस बयान पर माफी मांग ली है. मैंने अब सब कुछ भुला दिया है. राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता भुलाते हुए सिब्बल ने कहा कि अब हमें आगे बढ़ जाना चाहिए.