आज संसद में पेश हो सकता है अविश्वास प्रस्ताव, सरकार चर्चा के लिए तैयार

नयी दिल्ली : संसद में लगातार तीन सप्ताह से गतिरोध है. तेलुगू देशम पार्टी और वाईएसआर कांग्रेस द्वारा दिये गये अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा नहीं हुई. शुक्रवार को नोटिस दिया गया था और आज भी यह पार्टियां नोटिस देगी. लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन में व्यवस्था ना होने के कारण अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 20, 2018 9:47 AM

नयी दिल्ली : संसद में लगातार तीन सप्ताह से गतिरोध है. तेलुगू देशम पार्टी और वाईएसआर कांग्रेस द्वारा दिये गये अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा नहीं हुई. शुक्रवार को नोटिस दिया गया था और आज भी यह पार्टियां नोटिस देगी.

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन में व्यवस्था ना होने के कारण अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा नहीं होने दी. दूसरी तरफ सरकार इस मामले में चर्चा को तैयार है. सोमवार को गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि हम चर्चा के लिए तैयार हैं . सभी दल सहयोग करें और इस पर बात करें.
लोकसभा में वाइएसआर कांग्रेस और तेलगु देशम पार्टी मोदी सरकार के खिलाफ अपना अविश्वास प्रस्ताव लाने पर जोर देगी लेकिन संसद की कार्यवाही में गतिरोध दूर होने का कोई संकेत नजर नहीं आ रहे हैं. वाइएसआर कांग्रेस के वाई वी सुब्बा रेड्डी ने लोकसभा सचिवालय को कल की संशोधित कार्य सूची में उनका नोटिस रखने के लिए पत्र लिखा है.
तेदेपा ने भी अविश्वास प्रस्ताव के लिए नोटिस दिया है. पिछले सप्ताह नोटिस नहीं लिए जाने पर संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने दलील दी थी कि सदन में आसन के पास जाकर कई दलों के सदस्यों की नारेबाजी के कारण सदन में व्यवस्था नहीं बन पाने के कारण ऐसा नहीं हो पाया. विधायी कार्यों पर सरकार के साथ अक्सर सहयोग करने वाली तेलंगाना राष्ट्र समिति और अन्नाद्रमुक कई मुद्दों पर विरोध कर रही है इसलिए इस पर अनिश्चितता ही है कि कल व्यवस्था बन पाएगी.
बजट सत्र के अंतिम चरण का पहला दो हफ्ता बीत चुका है हालांकि सरकार कई महत्वपूर्ण विधेयक लाने और बिना चर्चा के ध्वनिमत के जरिए बजट पारित कराने में कामयाब रही. केंद्र की ओर से आंध्रप्रदेश को विशष दर्जा दिए जाने से इनकार के बाद सबसे पहले वाइएसआर कांग्रेस ने पिछले सप्ताह अविश्वास प्रस्ताव लाने का नोटिस दिया था. मुद्दे पर भाजपा की लंबे समय से सहयोगी रही तेदेपा ने इसके बाद सरकार से अपना नाता तोड़ने का फैसला किया और खुद ही अविश्वास प्रस्ताव लायी. दोनों पार्टियां अपने-अपने नोटिसों पर समर्थन जुटाने के लिए विपक्षी दलों को लामबंद कर रही हैं.
अविश्वास प्रस्ताव नोटिस के लिए सदन में कम से कम 50 सदस्यों का समर्थन चाहिए. सरकार ने भरोसा जताया है कि नोटिस स्वीकार कर लिए जाने पर भी लोकसभा में उसकी संख्या बल के कारण प्रस्ताव औंधे मुंह गिर जाएगा. लोकसभा में मौजूदा सदस्यों की संख्या 539 है और सत्तारूढ़ भाजपा के274 सदस्य हैं. यह बहुमत से अधिक है और पार्टी को कई घटक दलों का समर्थन भी है.

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