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इराक में मारे गये भारतीयों के परिजन नाराज, कहा, डीएनए रिपोर्ट दिखाये सरकार
नयी दिल्ली : पिछले चार सालों से इराक में फंसे परिवार वालों के परिजन घरवालों का इंतजार कर रहे थे. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कल सदन में एक बयान जारी कर उनके मारे जाने की खबर दे दी. इस खबर से परिवार वालों की उम्मीदें टूट गयी. समाचार एजेंसी से बात करते हुए परिवार […]
नयी दिल्ली : पिछले चार सालों से इराक में फंसे परिवार वालों के परिजन घरवालों का इंतजार कर रहे थे. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कल सदन में एक बयान जारी कर उनके मारे जाने की खबर दे दी. इस खबर से परिवार वालों की उम्मीदें टूट गयी. समाचार एजेंसी से बात करते हुए परिवार वालों ने कहा, हम डीएनए रिपोर्ट देखना चाहते हैं. इस मामले में राजनीति की जा रही है.
हम चार सालों तक दौड़ते रहे जानकारी लेते रहे और हमें यह जानकारी टीवी से मिली. परिवार वालों ने शिकायत करते हुए कहा, सुषमा स्वराज ने संसद में बयान जारी करने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, पहली जानकारी सदन को ही दी जाती है. हम मानते हैं लेकिन क्या उन्हें हमसे संपर्क नहीं करना चाहिए ?. मरने वाले लोग हमारे थे.
केंद्र सरकार ने आज संसद को बताया कि 2014 में इराक में इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों की ओर से अगवा किए गए 39 भारतीय नागरिक मारे जा चुके हैं. सरकार के इस बयान पर विवाद पैदा हो गया है . विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया कि इस बारे में पहले मृतकों के परिजन को सूचित नहीं करके सरकार ने संवेदनहीनता दिखाई है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राज्यसभा को बताया कि इराक के मोसुल में जून 2014 में आतंकवादी संगठन आईएसआईएस ने40 भारतीयों को अगवा कर लिया था, लेकिन उनमें से एक शख्स खुद को बांग्लादेश का मुस्लिम बताकर बच निकलने में कामयाब रहा.
उन्होंने कहा कि बादुश के एक सामूहिक कब्र से निकलवाए गए शवों को विशेष विमान से भारत लाया जाएगा और उनके परिजन को सौंपा जाएगा. मंत्री ने कहा, ‘‘ मैंने कहा था कि मैं बगैर पुख्ता सबूत के किसी को मृत घोषित नहीं करूंगी… आज मैंने वह प्रतिबद्धता पूरी की है.” सुषमा ने कहा कि अभी यह नहीं पता चल सका है कि इन39 भारतीयों को कब मारा गया, लेकिन उनके शव मोसुल के उत्तर- पश्चिम में स्थित बादुश गांव से बरामद किए गए और डीएनए जांच के जरिए उनकी पहचान की गई.
सरकार ने गुरदासपुर के हरजीत मसीह के इस दावे को खारिज कर दिया कि उन्होंने 39 भारतीयों का कत्ल होते देखा था. हरजीत अपहरण करने वालों के चंगुल से बच निकलने में कामयाब रहे थे. सुषमा ने इस आरोप को भी बेबुनियाद करार दिया कि सरकार ने हरजीत को परेशान किया. कांग्रेस ने39 भारतीयों के मारे जाने पर शोक व्यक्त किया और पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने सरकार को याद दिलाने की कोशिश की कि उसने‘‘ पिछले साल हमें आश्वस्त किया था कि भारतीय जीवित हैं.”
कब हुई भारतीयों की मौत
सुषमा से जब पूछा गया कि इन भारतीयों की मृत्यु कब हुई, इस पर उन्होंने कोई सीधा जवाब नहीं देते हुए सिर्फ इतना कहा कि यह अप्रासंगिक है क्योंकि आईएसआईएस के कब्जे से मोसुल शहर को आजाद कराने के बाद ही शव बरामद किए गए होंगे. पिछले साल जून में मोसुल को आईएसआईएस के कब्जे से आजाद कराया गया था. सुषमा ने पिछले साल संसद को बताया था कि अभी इस बात के कोई साक्ष्य नहीं हैं कि इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों ने उन्हें मार डाला. उन्होंने कहा था कि वह उन्हें मृत घोषित करने का पाप नहीं करेंगी.
विपक्षी पार्टियों ने साधा निशाना
कांग्रेस और माकपा सहित अन्य विपक्षी पार्टियों ने इन भारतीयों की मौत के बारे में बताने को लेकर की गई देरी पर सरकार को आड़े हाथ लिया और कहा कि सरकार ने मृतकों के परिजन को‘‘ झूठा दिलासा” दिया कि वे जीवित हैं. कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, ‘‘ लोगों को झूठे दिलासे देना कू्रता है और बताता है कि सरकार में पारदर्शिता की कमी है.” लोकसभा में माकपा के नेता मोहम्मद सलीम ने कहा कि सरकार का बयान दिखाता है कि सरकार‘‘ संवेदनहीन और अमानवीय” है, क्योंकि उसे संसद को सूचित करने से पहले मृतकों के परिजन को इसकी सूचना देनी चाहिए थी.
नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह‘‘ अक्षम्य” है कि मृतकों के परिजन को अपने प्रियजन की मौत की खबर टीवी चैनलों के जरिए मिली. सुषमा ने तुरंत पलटवार करते हुए कांग्रेस पर‘‘ घटिया राजनीति” करने का आरोप लगाया और इस बात पर जोर दिया कि उन्होंने किसी को अंधेरे में नहीं रखा और न ही झूठा दिलासा दिया. कुछ विपक्षी सदस्यों और मृतकों के परिजन की ओर से की जा रही आलोचना का हवाला देते हुए सुषमा ने कहा कि उन्होंने संसदीय प्रक्रियाओं का पालन किया है.
सदन को पहले सूचित करना मेरा कर्तव्य
मृतकों के परिजन की शिकायत थी कि उन्हें अपने प्रियजन की मृत्यु की खबर टीवी चैनलों के जरिए मिली है. सुषमा ने कहा, ‘‘ इसके बारे में पहले सदन को सूचित करना मेरा कर्तव्य था.” इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक के बाद एक कर किए गए ट्वीट में कहा, ‘‘ प्रत्येक भारतीय उन लोगों के साथ दुख में शामिल है जिन्होंने मोसुल में अपने प्रियजन को खो दिया. हम शोक संतप्त परिवार के साथ एकजुट हैं और मोसुल में भारतीयों के प्रति अपना सम्मान प्रकट करते हैं.”
प्रधानमंत्री ने सुषमा का बचाव करते हुए यह भी कहा कि विदेश मंत्रालय और खासतौर पर मेरी सहकर्मी सुषमा स्वराज जी और जनरल वी के सिंह जी ने मोसुल में इन भारतीयों का पता लगाने और उन्हें सुरक्षित वापस लाने में कोई कसर नहीं छोड़ा. उन्होंने कहा कि सरकार‘‘ विदेश में हमारे भाई- बहनों की सुरक्षा” सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.
इराक में मारे गए लोगों के परिजनों को सहायता देने की मांग
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इराक में मारे गए39 भारतीयों के परिजनों को अनुग्रह राशि तथा सभी जरूरी सहायता दिये जाने की मांग विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से की है . इस मामले में सिंह ने सुषमा को लिखा है और उनसे फोन पर भी बात की है . कैप्टन ने विदेश मंत्री से मरने वाले लोगों के परिजनो को सभी आवश्यक सहायता देने का आग्रह किया है . विदेश मंत्री ने सिंह को आश्वस्त किया कि केंद्र सरकार मरने वाले लोगों के शवों को वापस लाने के लिए इंतजाम कर रही है मुख्यमंत्री ने विदेश मंत्री को बताया कि पंजाब सरकार ताबूत की व्यवस्था करेगी .
अमेरिका ने शोक व्यक्त किया
अमेरिका ने इराक में39 भारतीयों कीहत्या पर ‘‘ गहरा शोक” व्यक्त करते हुए कहा कि वह इन हत्याओं की निंदा करने में भारतीयों के साथ खड़ा है. मारे गए भारतीयों का इराक मेंआतंकवदी संगठन आईएसआईएस ने अपहरण कर लिया था. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कल भारत के संसद में39 भारतीयों के इराक में मारे जाने की जानकारी दी थी. उनका वर्ष2014 में मोसुल में आईएसआईएस के आतंकवादियों ने
अपहरण कर लिया था.सभी के शव बरामद कर लिए गए हैं.
भारतीय मजदूरों की मौत पर किए सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ हम गहरा शोक व्यक्त करते हैं. हमारी संवेदनाएं पीड़ितों के परिवार के साथ हैं.” प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ हम इन हत्याओं की निंदा करने में भारत के लोगों के साथ खड़े हैं.” इराक के उत्तरी शहर मोसुल को आईएसआईएस के कब्जे से मुक्त करा लिया गया है. भारतीय मजदूरों के शव मोसुल के उत्तरपश्चिम स्थित बदसु गांव में दफन मिले हैं.
आतंकवाद से लड़ने में इराक का समर्थन
भारत ने आतंकवाद के खिलाफ इराक की लड़ाई में उसका समर्थन करने की आज बात कही. इससे पहले, नयी दिल्ली ने कहा कि युद्ध प्रभावित देश के दूसरे सबसे बड़े शहर मोसुल से आईएसआईएस द्वारा अगवा किए गए39 भारतीयों की हत्या कर दी गई है. इराक में नियुक्त भारतीय राजदूत प्रदीप सिंह राजपुरोहित ने कहा कि मोसुल में भारतीय श्रमिकों के एक समूह के आतंकवाद का शिकार होने के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ. हम भारत में शोकाकुल परिवारों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करते हैं.
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