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विश्व जल दिवस: भारत में 16.3 करोड़ लोगों को नहीं मिलता शुद्ध पानी

आज विश्व जल दिवस है. यह पानी बचाने का संकल्प का दिन है, पानी के महत्व को जानने का दिन है और इसके संरक्षण के लिए समय रहते सचेत होने का दिन है. लेकिन, शायद ही लोग इसके प्रति सचेत हैं. आज दुनिया के ऊपर जल संकट मंडरा रहा है. दुनिया में 84.4 करोड़ लोगों […]

आज विश्व जल दिवस है. यह पानी बचाने का संकल्प का दिन है, पानी के महत्व को जानने का दिन है और इसके संरक्षण के लिए समय रहते सचेत होने का दिन है. लेकिन, शायद ही लोग इसके प्रति सचेत हैं. आज दुनिया के ऊपर जल संकट मंडरा रहा है. दुनिया में 84.4 करोड़ लोगों के पास स्वच्छ जल की सुविधा नहीं है. वहीं, भारत में 16.3 करोड़ लोगों को शुद्ध पानी नहीं मिलता है. घटते भूजल स्तर एवं प्रदूषण भारत के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. जलसंकट से जूझ रहे दुनिया के दस शहरों में भारत का बेंगलुरु भी है. यहां 2030 तक स्थिति भयावह हो जायेगी. सेंटर फॉर सांइस की ‘डाउन टू अर्थ’ रिपोर्ट में बेंगलुरु को भारत का केपटाउन बताया गया है.

प्रदूषण पर आस्था भारी

ऊपर की तस्वीर दिल्ली में यमुना नदी की है. प्रदूषण के कारण पूरी नदी झाग से ढंक गयी है, लेकिन प्रदूषण ‘आस्था’ को नहीं डिगा सका है. बुधवार से नहाये-खाये के साथ ही चैती छठ पर्व की शुरुआत हुई. इस मौके पर एक महिला ने प्रदूषित नदी में ही स्नान कर पूजा-अर्चना की.

-84.4 करोड़ लोगों के पास स्वच्छ जल की सुविधा नहीं है दुनिया भर में

-इन शहरों पर मंडरा रहा जल संकट : बीजिंग, मैक्सिको सिटी, नैरोबी, कराची, काबुल, इस्तांबुल

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