केरल आईएस भर्ती मामला : महिला सदस्य को सात साल की जेल, 25000 हजार जुर्माना भी
कोच्चि : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक विशेष अदालत ने केरल आईएस भर्ती मामले में एक गुर्गे यास्मीन मोहम्मद जाहिद को सात साल की कठोर कारावास की सजा सुनायी है. विशेष न्यायाधीश एस संतोष कुमार ने महिला को अवैध गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराते हुए […]
कोच्चि : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक विशेष अदालत ने केरल आईएस भर्ती मामले में एक गुर्गे यास्मीन मोहम्मद जाहिद को सात साल की कठोर कारावास की सजा सुनायी है. विशेष न्यायाधीश एस संतोष कुमार ने महिला को अवैध गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराते हुए सजा सुनायी.
एरनाकुलम की विशेष एनआईए अदालत ने महिला पर 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया. पिछले साल एनआईए ने आईएसआईएस के दो संचालक अब्दुल राशिद अब्दुल्ला और यास्मीन मोहम्मद जाहिद के खिलाफ एक आरोप पत्र दाखिल किया था. इसमें अब्दुल्ला मुख्य आरोपी था और उसने कासरगोड के कई युवकों को अपने परिवार समेत देश छोड़कर इस्लामिक स्टेट में शामिल होने के लिए प्रेरित किया था. जाहिद को काबुल के लिए विमान पकड़ने के दौरान हिरासत में लिया गया. वह अफगानिस्तान जाकर आईएस में शामिल होनेवाली थी. इस मामले में 15 आरोपी हैं और एनआईए ने दो के खिलाफ ही आरोपपत्र दाखिल किये क्योंकि पहले आरोपी राशिद समेत 13 लोग अफगानिस्तान में थे और एक सीरिया में था. ऐसा माना जा रहा है कि तीन की मौत अफगानिस्तान में हवाई हमले के दौरान हो गयी.
एजेंसी ने कहा था कि यह मामला आपराधिक षडयंत्र से जुड़ा हुआ है जो भारत में और भारत से बाहर कुछ युवकों ने किया, जिनका रिश्ता केरल के कासरागोड जिले से है. इन युवकों की मंशा आईएसआईएस के उद्देश्यों को आगे बढ़ाना था. यह मामला दोबारा एनआईए पुलिस स्टेशन में कोच्चि में 24 अगस्त, 2016 को दर्ज किया गया था. एनआईए की जांच में यह बात साबित हुई है कि अब्दुल राशिद अब्दुल्ला इस मामले में मुख्य षडयंत्रकर्ता है और इसने कासरगोड के कई युवाओं को परिवार सहित भारत छोड़कर इस्लामिक स्टेट में शामिल होने के लिए प्रेरित किया. एजेंसी ने कहा कि वह कासरागोड और अन्य स्थानों पर इस आतंकवादी संगठन और इसकी विचारधारा के समर्थन में क्लास आयोजित करता था. एजेंसी ने बताया कि अब्दुल्ला ने अन्य आरोपी यास्मीन मोहम्मद जाहिद के साथ ही अन्य 14 को भी संबंधित आतंकवादी संगठन में शामिल होने को प्रेरित किया. एनआईए ने कहा कि जांच से पता चला है कि षडयंत्र की शुरुआत जुलाई, 2015 से हुई थी.
एजेंसी ने कहा है कि जाहिद को नयी दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर 30 जुलाई2016 को रोका गया था. वह उस समय अपने नाबालिग बच्चे के साथ भारत छोड़कर आतंकवादी संगठन में अब्दुल्ला के साथ शामिल होने के लिए अफगानिस्तान जानेवाली थी. जांच से पता चला है कि अब्दुल्ला ने आईएस के लिए धन जुटाये और जाहिद को भेजा और महिला ने इस धन का उपयोग आतंकवादी संगठन को सहायता पहुंचाने के लिए अपनी गतिविधियों के लिए किया.