अमित शाह का एलान, 2019 में 50 फीसदी वोट शेयर के लिए लड़ाई लड़ने को तैयार

नयी दिल्ली : उत्तर प्रदेश उपचुनाव में मिली करारी हार के लिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को जहां सपा और बसपा के बीच ऐन मौके पर बने गठजोड़ को जिम्मेदार ठहराया, तो वहीं साथ ही कहा कि पार्टी ने हार के कारणों की समीक्षा करने के लिए एक समिति गठित की है और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 24, 2018 10:24 PM

नयी दिल्ली : उत्तर प्रदेश उपचुनाव में मिली करारी हार के लिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को जहां सपा और बसपा के बीच ऐन मौके पर बने गठजोड़ को जिम्मेदार ठहराया, तो वहीं साथ ही कहा कि पार्टी ने हार के कारणों की समीक्षा करने के लिए एक समिति गठित की है और पार्टी 2019 में 50 फीसदी वोट शेयर के लिए लड़ाई लड़ने को तैयार है.

उपचुनाव की तर्ज पर साल 2019 के लोकसभा चुनाव में धुर विरोधियों सपा और बसपा के गठजोड़ की संभावना से भाजपा का चुनावी गणित गड़बड़ाने संबंधी सवाल पर शाह ने कहा, ‘ये सरल नहीं है.’ उन्होंने कहा, ‘मीडिया दो सीटों (गोरखपुर और फूलपुर) के नतीजों को लेकर बाग-बाग है. कांग्रेस की ओर से संसद परिसर में मिठाई बांटी गयी कि हमने उपचुनाव में आठ सीटें खोयी हैं, लेकिन ये कोई नहीं कह रहा कि हमने उनसे 11 प्रदेश छीने हैं. कोई भी त्रिपुरा का नाम नहीं ले रहा, जहां दो हफ्ते पहले ही हमने भारी जीत हासिल की.’

न्यूज चैनल ‘आज तक’ को दिये साक्षात्कार में शाह ने कहा, ‘हमने हार के कारणों की जांच के लिए कमेटी बनायी है और उसकी जो रिपोर्ट आयेगी उस पर काम किया जायेगा. हमें यह ध्यान रखना होगा कि उपचुनाव स्थानीय मुद्दों को ध्यान में रख कर लड़े जाते हैं, हर स्थानीय चुनाव का अलग परिदृश्य होता है, लेकिन आम चुनाव में बड़े नेता और बड़े मुद्दे शामिल होते हैं. साल 2019 में भााजपा और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन अधिक सीटें हासिल करेंगी.’ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस बयान पर कि भाजपा उपचुनाव में अति विश्वास की वजह से हारी, तो क्या ये बयान उन्होंने अपनी ओर से दिया था या बीजेपी या मोदी सरकार की ओर से?’ इस सवाल के जवाब में शाह ने कहा कि उन्होंने योगी आदित्यनाथ से नहीं पूछा कि उन्होंने किस संदर्भ में ऐसा कहा.

भाजपा अध्यक्ष ने योगी सरकार के एक साल पूरा होने पर उसके कामकाज की तारीफ भी की. शाह ने कहा कि उत्तर प्रदेश सही दिशा में है. वहां जीरो भ्रष्टाचार है. किसानों की समस्याएं सुलझायी जा रही हैं, कानून और व्यवस्था नियंत्रण में है. निवेश शिखर सम्मेलन किये जा रहे हैं. एनडीए से तेलुगू देशम पार्टी के अलग होने और शिवसेना के 2019 में बिना गठबंधन अकेले चुनाव लड़ने के संदर्भ में शाह ने कहा, ‘2014 में कई नयी पार्टियों ने हमारे साथ हाथ मिलाया था. 11 पार्टियां हमसे जुड़़ी थीं और इनमें से सिर्फ एक अलग हुई है. एनडीए नहीं टूटेगा.’

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘हम कर्नाटक जीतेंगे. जिस तरह सिद्धारमैया (कर्नाटक के मुख्यमंत्री) राज्य को चला रहे हैं, उसमें निश्चित तौर पर सरकार विरोधी लहर काम करेगी. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपार लोकप्रियता भी फैक्टर है.’ लिंगायत से जुड़े मुद्दे को कांग्रेस की ओर से उठाये जाने के बारे में एक सवाल के जवाब में शाह ने कहा, ‘कर्नाटक के लोग और लिंगायत समुदाय अच्छी तरह जानते हैं कि कांग्रेस ने 2013 में इस समुदाय को अलग धर्म का दर्जा देने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था. कांग्रेस इस मुद्दे को हवा दे रही है, क्योंकि वो जानती है कि विकास के नाम पर वो चुनाव नहीं लड़ सकती.’

शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से वोटरों को लुभाने के लिए मंदिर, चर्च और मस्जिदों में जाने को तवज्जो नहीं देते हुए कहा, ‘वो गुजरात और हिमाचल में भी मंदिरों में गये थे. लेकिन क्या हुआ? उन्होंने कहा, ‘1967 के बाद कांग्रेस कभी भी 50 फीसदी से ज्यादा वोट हासिल करने में सफल नहीं हुई है. हमने 50 फीसदी वोट गुजरात, हिमाचल और त्रिपुरा में हासिल किये. बहुदलीय लोकतांत्रिक व्यवस्था में 50 फीसदी से अधिक वोट जीतना बड़ा जनादेश होता है.’ इन सवालों पर कि सर्जिकल स्ट्राइक के बावजूद पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा पर स्थिति में बदलाव नहीं आया है और आतंकवादी लगातार भारत में घुसपैठ कर रहे हैं, शाह ने कहा, ‘पाकिस्तान की हर गोली का भारत बम से जवाब देगा. यही एकमात्र समाधान है. हम गोली और बमों के बीच शांति वार्ता नहीं कर सकते.’

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