कर्नाटक का क्या है राजनीतिक परिदृश्य, कैसे रहे हैं पिछले चुनाव की नतीजे?

नयी दिल्ली : चुनाव आयोग ने आज कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया. कर्नाटक विधानसभा चुनाव में सीधा मुकाबला सत्ताधारी कांग्रेस एवं मुख्य विपक्ष भारतीय जनता पार्टी के बीच है. अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के पूर्व इस चुनाव को भाजपा और कांग्रेस के बीच शक्ति प्रदर्शन के लिए अहम माना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 27, 2018 11:54 AM

नयी दिल्ली : चुनाव आयोग ने आज कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया. कर्नाटक विधानसभा चुनाव में सीधा मुकाबला सत्ताधारी कांग्रेस एवं मुख्य विपक्ष भारतीय जनता पार्टी के बीच है. अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के पूर्व इस चुनाव को भाजपा और कांग्रेस के बीच शक्ति प्रदर्शन के लिए अहम माना जा रहा है. मुख्य चुनाव आयोग ओम प्रकाश रावत ने चुनाव तारीखों का एलान करते हुए कहा कि राज्य में एक चरण में 12 मई को मतदान होगा और 15 मई को वोटों की गिनती होगी.

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए अधिसूचना 17 अप्रैल को जारी की जाएगी और 24 अप्रैल तक नामांकन किया जा सकेगा. 26 अप्रैल को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी और 27 अप्रैल तक नाम वापस लिया जा सकेगा.

कर्नाटक विधानसभा चुनाव में 4.96 करोड़ मतदाता56हजार पोलिंगबूथों पर 224 विधानसभा सीटोंके उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे. इस विधानसभा चुनाव में भाजपा ने वीएस येदुयुरप्पा को अपना मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर रहा है, जबकि कांग्रेस की ओर से उसके मौजूदा मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ही मुख्यमंत्री पद के चेहरा हैं.

कर्नाटक विधानसभा चुनाव में दोनों राष्ट्रीय पार्टी भाजपा व कांग्रेस के अध्यक्षक्रमश: अमित शाह व राहुल गांधी ने पूरी ताकत लगा दी है. कांग्रेस ने सबसे बड़े मतदाता वर्ग लिंगायतके वोटों पर पकड़ बनाने के लिए उन्हेंअलगधर्म का दर्जा देने की सिफारिश कर दी है, वहीं भाजपा अध्यक्ष अमितशाहराज्य में लिंगायतवदलितमठों का दौरा कर इसवर्ग से भाजपा के जुड़ाव को दिखा रहे हैं. अमित शाहवराहुलगांधी लगातार कर्नाटक का दौरा कर रहे हैं. वहीं, भाजपा के सर्वोच्च नेता व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कर्नाटक का दौर कर चुके हैं. मोदी ने अपनी जनसभाओं में भ्रष्टाचार को प्रमुख मुद्दा बनाया है.

2013 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 122 सीटों हासिल की थी, जबकि भाजपा को 40 सीटें मिली थीं. जेडीएस को भी भाजपा के बराबर 40 सीटें ही मिली थी. इस चुनाव में केजेपी ने छह व अन्य ने 16 सीटें पायी थीं. 2013 के चुनाव में भाजपा अपने अंतरविरोधों के कारण हार गयी थी, जबकि इससे पूर्व के चुनाव में पहली बार कर्नाटक के रूप में भाजपा ने किसी दक्षिणी राज्य में सरकार बनायी थी. अब भाजपा एक बार ऐसा करना चाहती है. राहुल गांधी एचडी देवेगौड़ा की पार्टी जेडीएस पर हमलावर हैं और उसके विधायक भी टूटे हैं. इससे दोनों दलों क दूरी समझी जा सकती है.

2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने कर्नाटक की 28 सीटों में 17 जीत ली थी. जबकि कांग्रेस ने नौ व अन्य ने दो सीटें पायी थी. इस चुनाव में भाजपा की दो सीटें घटी थी, जबकि कांग्रेस की तीन सीटें बढ़ी थी.

सिद्धरमैया को कांग्रेस का मजबूत क्षत्रप माना जाता है जो पिछड़ा वर्ग की कुरुबा जाति से आते हैं, वहीं सिद्धरमैया लिंगायत समुदाय से आते हैं जिनका वोट सबसे अधिक है. लिंगायत को अगड़ा वर्ग का दर्जा हासिल है. कुरुबा जाति की आबादी राज्य में तीसरे स्थान पर है, जबकि वाेक्कालिगा की आबादी दूसरे स्थान पर है.

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