फेसबुक डेटा लीक : साइबर एजेंसी ने ऑनलाइन चोरों के खिलाफ इंटरनेट यूजर्स को किया सतर्क
नयी दिल्ली : लोकप्रिय सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक से डेटा चोरी होने के बाद ऑनलाइन डेटा चोरी के खिलाफ इंटरनेट उपभोक्ताओं को सतर्क करते हुए भारतीय साइबर सुरक्षा एजेंसी ने उन्हें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर अपने वोट की प्राथमिकताएं और आधार कार्ड की जानकारियां साझा ना करने के लिए कहा है. हैकिंग और जालसाजी से […]
नयी दिल्ली : लोकप्रिय सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक से डेटा चोरी होने के बाद ऑनलाइन डेटा चोरी के खिलाफ इंटरनेट उपभोक्ताओं को सतर्क करते हुए भारतीय साइबर सुरक्षा एजेंसी ने उन्हें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर अपने वोट की प्राथमिकताएं और आधार कार्ड की जानकारियां साझा ना करने के लिए कहा है. हैकिंग और जालसाजी से निपटने के लिए देश की नोडल एजेंसी कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम ऑफ इंडिया (सीईआरटी-इन) ने एक परामर्श जारी किया है.
परामर्श में फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया यूजर्स को इन साइटों या मोबाइल ऐप पर अपनी निजी जानकारी साझा ना करने के लिए कहा है. सीईआरटी-इन ने कहा, ‘यूजर्स को सोशल मीडिया मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पर आधिकारिक डेटा या निजी गोपनीय जानकारी साझा नहीं करनी चाहिए.’ परामर्श में कहा गया है, ‘सोशल मीडिया यूजर्स को अपने वोट की प्राथमिकताओं, पिन नंबर, पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड, बैंक, पासपोर्ट, आधार कार्ड की जानकारियां और सभी अन्य जानकारियां कभी साझा नहीं करनी चाहिए जिन्हें निजी सुरक्षा के लिए गोपनीय रखा जाता है.’
फेसबुक यूजर्स के डेटा के साथ समझौता किये जाने के हाल के मामले की पृष्ठभूमि में सीईआरटी ने देश में इंटरनेट और सोशल मीडिया यूजर्स के लिए यह परामर्श जारी किया है. परामर्श में कहा गया है, ‘फेसबुक ने यह माना कि डेटा का उल्लंघन किया जा रहा था. इस घटनाक्रम के मद्देनजर यूजर्स को अपनी निजी जानकारी की सुरक्षा करने के लिए एहतियात बरतने की सलाह दी जाती है.’
सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने पिछले सप्ताह कैंब्रिज एनालिटिका से ग्राहकों की सूची मांगी और भारत से एकत्रित किये गये डेटा का स्रोत मांगा है. यह कंपनी फेसबुक डेटा उल्लंघन मामले के केंद्र में है. यह नोटिस तब आया है जब ऐसी रिपोर्टें आयी है कि राजनीतिक दलों ने चुनावों के दौरान डेटा विश्लेषण संबंधी कंपनी का इस्तेमाल किया. साइबर सुरक्षा पर नजर रखने वाले संगठन ने कहा कि सोशल मीडिया यूजर्स को निजी जानकारी या अपनी लोकेशन पोस्ट करने से बचना चाहिए.
उसने कहा, ‘फेसबुक के एक सावर्जनिक नेटवर्क होने के कारण सूचना तक आसानी से पहुंचा जा सकता है जिसका खुलासा नहीं किया जाना चाहिए.’ परामर्श में यह भी बताया गया है कि डेटा चोरी होने पर उन्हें तुरंत संबंधित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के हेल्प डेस्क से संपर्क करना चाहिए और साथ ही पुलिस की साइबर शाखा में शिकायत दर्ज करानी चाहिए. साथ यह सुझाव दिया गया है कि फेसबुक पर अनजान या अपुष्ट एप्लीकेशन का इस्तेमान नहीं करना चाहिए. उसने थर्ड पार्टी ऐप को मंजूरी देते हुए सतर्क रहने के लिए कहा है.
इनमें ऐसे ऐप शामिल है जो नाम, प्रोफाइल पिक्चर, यूजर का नाम, यूजर आईडी, मित्र सूची, लिंग, उम्र और लोकेशन तक पहुंच बनाती हैं. परामर्श में कहा गया है, ‘अविश्वस्त सूत्रों या विश्वस्त सूत्रों से अचानक मिले संदेश/तस्वीरें ना खोलें और मजबूत पासवर्ड का इस्तेमाल करें जिनमें अलग-अलग तरह के लिपि चिह्न हो ताकि पासवर्ड को हासिल करना मुश्किल हो जाए.’ इंटरनेट यूजर्स को कहा गया है कि वे निष्क्रिय पड़े अकाउंट ‘बंद’ कर दें क्योंकि उनसे यूजर्स की जानकारी के बगैर छेड़छाड़ की जा सकती है.
इसमें कहा गया है, ‘आपके मोबाइल या ब्राउजर में इस्तेमाल की जा रही एप्लीकेशंस का आंकलन करें क्योंकि ज्यादातर ऐप साइन इन करने के लिए फेसबुक या गूगल का इस्तेमाल करती हैं. साथ ही सभी मोबाइल ऐप को अपडेट रखें और नियमित तौर पर सोशल नेटवर्क्स पर सुरक्षा सेटिंग को अपडेट करें.’ कानून एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने फेसबुक को चेतावनी दी है कि वह डेटा चोरी के जरिए चुनावों को प्रभावित करने की सूरत में कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार रहे. उन्होंने जरुरत पड़ने पर फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग को सम्मन करने की भी धमकी दी.