विवाद में आये भाजपा आइटी सेल के चीफ अमित मालवीय कौन हैं?

नयी दिल्ली : भाजपाआइटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय चर्चा में हैं. अमित मालवीय के चर्चा में होने की वजह है उनके द्वाराचुनावआयोग के एलान से कुछ मिनट पहले कर्नाटक चुनावकीतारीखों को बता देना. उन्होंनेआज सुबह ट्वीट कर बताया कि 12मई को कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए वोट पड़ेंगे. उनके इस एलानके कुछमिनटबाद जबमुख्यचुनाव आयुक्तओम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 27, 2018 6:08 PM

नयी दिल्ली : भाजपाआइटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय चर्चा में हैं. अमित मालवीय के चर्चा में होने की वजह है उनके द्वाराचुनावआयोग के एलान से कुछ मिनट पहले कर्नाटक चुनावकीतारीखों को बता देना. उन्होंनेआज सुबह ट्वीट कर बताया कि 12मई को कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए वोट पड़ेंगे. उनके इस एलानके कुछमिनटबाद जबमुख्यचुनाव आयुक्तओम प्रकाश रावत अपनी टीम के साथ प्रेस कान्फ्रेंसकरने आये तो उन्होंने यहीतारीख बतायी. पत्रकारों ने लगे हाथ मुख्य चुनाव आयुक्त से यह सवाल पूछ लिया कि भाजपा आइटी सेल के चीफ ने यह चुनाव की तारीख आपसे पहले बता दी, आप इस पर क्या कार्रवाई करेंगे? इसके जवाब में रावत ने कहा कि कानून सम्मत ढंग से कार्रवाई करेंगे.

बाद में यह मामला तूल पकड़ गया और मुख्य विपक्ष कांग्रेस ने भाजपा को सुपर इलेक्शन कमीशन की संज्ञा दे दी. अमित मालवीय ने मामले को तूल पकड़ता देख अपना ट्वीट डिलीट कर दिया. वहीं, भाजपा नेता व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने चुनाव आयोग जाकर सफाई दी कि अमित मालवीय ने एक न्यूज चैनल पर खबर देखने के आधार पर चुनाव तारीख के संबंध में ट्वीट किया था. अमित मालवीय एक दिन पहले सोमवार को भी सुर्खियों में तब आये थे, जब उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर डेटा चोरी विवाद में ट्वीट के जरिये सिलसिलेवार हमला किया था. उन्होंने यह हमला मोदी के बचाव में किया था. दरअसल, राहुल ने ट्वीट के जरिये मोदी पर आरोप लगाया था कि वे अपने नमो एप के जरिये अमेरिकी कंपनी को डेटा भेज रहे हैं. वहीं, अमित मालवीय ने ट्वीट के जरिये ऐसे ही आरोप राहुल गांधी पर लगाया.

पढ़ें यह खबर :

क्या बीजेपी के आईटी सेल को पहले से पता थी कर्नाटक चुनाव की तारीख़?

अमित मालवीय युवा हैं. देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के आइटी विभाग को हेड करते हैं.जाहिरहैउनकेअंदर राजनीतिक महत्वकांक्षाएं भी होंगी. राजनीति में बड़े नेताओं से उलझनेसे नये चेहरों को मिली लोकप्रियता या फिर किसी विवाद में उनका पड़ जाना दोनों मददगार साबित होता है. कल के वाकये और आज के वाकये से मालवीय को लाभ ही होगा.

अमित मालवीय ने 1998 में आगराकेदयालबागऐडुकेशनल इंस्टीट्यूट से बीबीएम किया है. वे आगरा के ही रहने वाले हैं. उसके बाद उन्होंने पुणे के सिंबोसिस यूनिवर्सिटी से एमबीए की पढ़ाई पूरी की. उन्होंने वहां से फिनांस की पढ़ाई की. उनके पास कई फिनांससेक्टर और बैंकिंग इंस्टीट्यूशन में काम करने का अच्छा-खासा अनुभव है. वे आइसीआइसी बैंक, एचएसबीसी और बैंक ऑफ अमेरिका जैसी बड़ी संस्थाओं में काम कर चुके हैं.

पढ़ाई पूरी करने के बाद अमित मालवीय ने आइसीआइसीआइ बैंक में असिस्टेंट मैनेजर के रूप में मुंबई में नौकरी शुरू की जहां वे रिटेल एसेट के क्रेडिट रिस्क मैनेजर का काम करते थे. यहां उन्होंने एक साल चार महीने काम किया और फिर अक्तूबर 2001 में बिजनेस एनालिस्ट के पद पर कैलॉन से जुड़े. 2003 में वे एचएसबीसी बैंक से जुड़ गये और सीनियर वाइस प्रेसिडेंट के रूप में वहां जून 2000 तक सात साल काम किया. यहां उन्होंने अपने कामकाज की छाप छोड़ी. इसके बाद वे जुलाई 2010 में बैंक ऑफ अमेरिका में वाइस प्रेसिडेंट-ग्लोबलट्रेजरीसेल्स, साउथ बन गये. यहां वे दो साल रहे.

पढ़ें यह खबर :

कर्नाटक में 12 मई को होगा चुनाव, 15 मई को आ जायेंगे चुनाव परिणाम

अमित मालवीय जब मुंबई में काम कर रहे थे तब भाजपा के कोषाध्यक्ष रहे पीयूष गोयल उनकी प्रतिभा से प्रभावित हुए. पीयूष गोयल भी मूल रूप से फाइनेंस के आदमी हैं और पेशे से सीएरहे हैं. पीयूष गोयल आज केंद्र में रेलवे व कोयला मंत्री हैं. पीयूष गोयल को अमित मालवीय के तकनीक के कुशल उपयोग की खूबी ने प्रभावित किया. पीयूष गोयल का संगठन में खासा प्रभाव रहा है. उन्होंने अमित मालवीय को भाजपा संगठन में सक्रिय किया और उन्हें पार्टी में जिम्मेवारी दिलवायी. मालवीय ने अपनी नौकरी के दौरान ही भाजपा का सहयोग देना शुरू कर दिया था. 2009 में भाजपा के लोकसभा चुनाव के प्रभारी अरुण जेटली थे. उस समय लालकृष्ण आडवाणी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे. तब भाजपा ने फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी फोरम लांच किया था, जिसका उद्देश्य संभ्रांत तबके को पार्टी से जोड़ना था. कहते हैं कि इसके पीछे अमित मालवीय का ही दिमाग था.


अमित मालवीय इसके बाद अपनी प्रतिभा व कौशल की बदौलत संगठन में तेजी से आगे बढ़ते गये और पार्टी को 2014 के चुनाव में विजय दिलाने में तकनीकी स्तर पर योगदान दिया.उन्हाेंनेसोशल मीडिया पर कई तरह के अभियान चलाये. इसका पुरस्कार उन्हें 2015 में भाजपा आइटी सेल का चीफ बना कर दिया गया. अब यहां भी वे चर्चा में हैं और इसका उनके कैरियर को लाभ ही होना है.


पढ़ें यह खबर :

BJP के अमित मालवीय ने पहले ही बता दी थी कर्नाटक चुनाव की तारीख, चुनाव आयोग करेगा कड़ी कार्रवाई

Next Article

Exit mobile version