मध्य प्रदेश : शिवराज सिंह चौहान ने कर्मचारियों को दिया तोहफा, रिटायरमेंट का एज 62 साल…!
भोपाल : मध्य प्रदेश के चुनावी साल में सरकारी और निजी संस्थानों में काम करने वाले कर्मचारियों को साधने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रिटायरमेंट की उम्रसीमा में बढ़ोतरी करने का ऐलान किया है. अगर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर से किये गये ऐलान पर अमल किया जाता है, तो यहां काम […]
भोपाल : मध्य प्रदेश के चुनावी साल में सरकारी और निजी संस्थानों में काम करने वाले कर्मचारियों को साधने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रिटायरमेंट की उम्रसीमा में बढ़ोतरी करने का ऐलान किया है. अगर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर से किये गये ऐलान पर अमल किया जाता है, तो यहां काम करने वाले करीब 27 फीसदी कर्मचारियों को तुरंत लाभ मिलेगा. हालांकि, मुख्यमंत्री चौहान ने इसे किसी भी सूरत में लागू कराने का दावा किया है.
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शुक्रवार को ‘मीट द प्रेस’ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कर्मचारियों के रिटायरमेंट की उम्रसीमा 60 से 62 साल करने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि पदोन्नति में आरक्षण का मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है और कई कर्मचारी और अधिकारियों की पदोन्नति भी अटकी है. कोई भी बिना पदोन्नति के रिटायर न हो, इसके लिए रिटायरमेंट की उम्र 60 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष करने का फैसला किया है.
कर्मचारी संगठनों की मांग पर उठाया यह कदम
मीडिया में आ रही खबरों में यह बताया जा रहा है कि सेवारत लोगों के रिटायरमेंट की उम्रसीमा बढ़ाये जाने की मांग बीते कई सालों से यहां के कर्मचारी संगठन करते आ रहे हैं. ज्यादातर संगठनों ने इस मांग को लेकर समय-समय पर आंदोलन भी किये हैं. चुनावी साल में कर्मचारी संगठनों ने दबाव बनाया, तो सरकार ने तुरंत फैसला लेते हुए रिटायरमेंट की आयुसीमा दो साल बढ़ाने का ऐलान कर दिया. दरअसल, राज्य में पिछले कई सालों से सीधी भर्ती पर रोक लगी है. अधिकारियों और कर्मचारियों के तेजी से रिटायरमेंट हो रहे हैं. संविदा नियुक्ति देने में अड़चनें आ रही हैं. बड़े पदों पर ही सरकार ये काम कर पा रही है. ऐसे में कई विभागों मे कर्मचारियों की भारी कमी हो गयी है.
सूबे के 27 फीसदी कर्मचारियों को होगा फायदा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की इस घोषणा के बाद सूबे में काम करने वाले करीब 4.35 लाख अधिकारी-कर्मचारियों में से करीब 27 फीसदी लोगों को फायदा होगा. मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद सूबे में काम करने वाले डॉक्टर्स जहां 65 साल की उम्र में रिटायर होंगे, वहीं डॉक्टरों के साथ अस्पतालों में काम करने वाली नर्सें 62 साल की उम्र में रिटायर होंगी. इसके साथ ही, राज्य के शिक्षक और चतुर्थवर्गीय कर्मचारी भी 62 साल की उम्र में रिटायर करेंगे.