आज भारत की पहली महिला डॉक्टर आनंदीबाई जोशी की जयंती, संतान की मृत्यु के बाद किया था डॉक्टर बनने का प्रण
आज भारत की पहली महिला डॉक्टर आनंदीबाई जोशी का जन्मदिन है. आज गूगल ने उनके सम्मान में डूडल बनाया भी बनाया है. आनंदी बाई जोशी ने उस दौर में विदेश जाकर मेडिकल की पढ़ाई की, जब महिलाओं के लिए शिक्षा प्राप्त करना भी बहुत मुश्किल था. आनंदी बाई का जन्म पुणे में 31 मार्च 1865 […]
आज भारत की पहली महिला डॉक्टर आनंदीबाई जोशी का जन्मदिन है. आज गूगल ने उनके सम्मान में डूडल बनाया भी बनाया है. आनंदी बाई जोशी ने उस दौर में विदेश जाकर मेडिकल की पढ़ाई की, जब महिलाओं के लिए शिक्षा प्राप्त करना भी बहुत मुश्किल था.
आनंदी बाई का जन्म पुणे में 31 मार्च 1865 को हुआ था जबकि मौत 26 फ़रवरी 1887 को हुई. इनका विवाह नौ साल की उम्र में उनसे करीब 20 साल बड़े गोपालराव से हो गया था.वह 14 साल की उम्र में मां बनीं थीं लेकिन उनकी एकमात्र संतान की मृत्यु मात्र दस दिन के अंदर ही हो गयी थी, जिससे बहुत दुख हुआ था और इस घटना ने उनके जीवन को नयी दिशा दी. अपने बच्चे को खोकर उन्होंने प्रण किया कि वह डॉक्टर बनेंगी और लोगों का इलाज करेंगी ताकि किसी की असमय मौत ना हो. उनके पति गोपालराव ने इसमें उनकी पूरी मदद भी की थी.
आनंदीबाई जोशी महिलाओं के लिए आदर्श हैं क्योंकि उन्होंने आलोचनाओं की परवाह किये बिना अपने सपने को साकार किया. जिस समय समाज अनगिनत वर्जनाओं में घिरा था, उस वक्त एक शादीशुदा हिंदू स्त्री होते हुए उन्होंने अमेरिका के पेनिसिल्वेनिया जाकर डॉक्टरी की पढ़ाई की. वह मात्र 22 वर्ष की उम्र में डॉक्टर बन गयी थीं, लेकिन विदेश से लौटने के बाद उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया और उनकी मृत्यु हो गयी और वे लोगों को इलाज उपलब्ध नहीं करा पायीं.