कावेरी विवाद : तमिलनाडु की याचिका पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने प्रबंधन बोर्ड( सीएमबी) का गठन नहीं करने पर केंद्र सरकार के खिलाफ तमिलनाडु सरकार की अवमानना याचिका पर सुनवाई करने को आज सहमत हो गया. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और डी वाई चंद्रचूड़ की एक पीठ ने मामले की सुनवाई नौ अप्रैल को तय […]
नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने प्रबंधन बोर्ड( सीएमबी) का गठन नहीं करने पर केंद्र सरकार के खिलाफ तमिलनाडु सरकार की अवमानना याचिका पर सुनवाई करने को आज सहमत हो गया. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और डी वाई चंद्रचूड़ की एक पीठ ने मामले की सुनवाई नौ अप्रैल को तय की है.
पीठ ने कहा, पानी नहीं मिलने पर तमिलनाडु की मुश्किल हम समझ सकते हैं. हम इस मुद्दे को हल करेंगे. मामले को नौ अप्रैल को सुनवाई लिए सूचीबद्ध किया जाये. तमिलनाडु ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा 16 फरवरी को दिए गए निर्देश के मुताबिक छह हफ्ते के भीतर कावेरी प्रबंधन बोर्ड और कावेरी जल नियमन समिति के गठन के लिए योजना बनाने में ‘असफल’ होने पर केंद्र सरकार के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की मांग की है.
तमिलनाडु ने अपनी अवमानना याचिका में कहा है कि केंद्र एक योजना बनाकर इस फैसले को प्रभावी करने के लिए बाध्य था ताकि छह हफ्ते के भीतर कावेरी प्रबंधन बोर्ड और कावेरी जल नियमन समिति के अधिकारी तय किए जा सकें. इस बीच केंद्र ने अपनी याचिका में कहा है कि चूंकि सीएमबी के गठन पर कर्नाटक और तमिलनाडु का नजरिया अलग- अलग है, शीर्ष अदालत को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वह कावेरी प्रबंधन बोर्ड से जुड़े कावेरी जल विवाद प्राधिकरण( सीडब्ल्यूडीटी) की रिपोर्ट में दी गई अनुशंसाओं पर मतभेद के साथ ‘6 ए’ के तहत योजना बनाने देने के लिए केंद्र सरकार को अनमुति देने के लिए तैयार है.
कर्नाटक ने सीएमबी के गठन का विरोध किया है और फैसले को लागू करने की वैकल्पिक प्रक्रिया की मांग की है. केंद्र सरकार ने यह भी कहा है कि मुद्दे की समस्त संवेदनशीलता को देखते हुए शीर्ष अदालत को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वह सीएमबी की रचना को पूरी तरह एक तकनीकी निकाय की बजाय ‘ प्रशासनिक और तकनीकी निकाय के मिश्रण’ के तौर पर संशोधित करने पर उसका किसी तरह का लचीला रुख है.