कावेरी विवाद : केंद्र की याचिका पर नौ अप्रैल को सुनवाई करेगा न्यायालय

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय कावेरी प्रबंधन स्कीम के गठन संबंधी उसके16 फरवरी के फैसले पर स्पष्टीकरण का अनुरोध करने वाली केंद्र की याचिका पर नौ अप्रैल को सुनवाई करेगा. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी. वाई चन्द्रचूड़ की पीठ ने केन्द्र की याचिका पर नौ अप्रैल को सुनवाई करने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 3, 2018 1:07 PM

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय कावेरी प्रबंधन स्कीम के गठन संबंधी उसके16 फरवरी के फैसले पर स्पष्टीकरण का अनुरोध करने वाली केंद्र की याचिका पर नौ अप्रैल को सुनवाई करेगा. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी. वाई चन्द्रचूड़ की पीठ ने केन्द्र की याचिका पर नौ अप्रैल को सुनवाई करने की बात कही. केंद्र की ओर से पेश हुए वकील ने न्यायालय को बताया कि स्कीम के गठन को लेकर संबंधित राज्यों के विचार एक- दूसरे से अलग हैं. केंद्र की ओर से पेश वकील वसिम कादरी ने मामले की तुरंत सुनवाई का अनुरोध किया.

इसपर पीठ ने कहा, ‘‘ हम तमिलनाडु की याचिका के साथ ही इस मामले की सुनवाई नौ अप्रैल को करेंगे.” शीर्ष अदालत ने अपने 16 फरवरी के फैसले में केन्द्र को कावेरी प्रबंधन स्कीम का गठन करने को कहा था ताकि तीन दशक पुराने कावेरी जल विवाद पर उसके 465 पन्नों के फैसले का पालन सुनिश्चित हो सके. न्यायालय ने कावेरी जल विवाद पंचाट के2007 के फैसले को बदल दिया था और स्पष्ट किया कि वह किसी सूरत में इसकी कार्यावधि नहीं बढ़ाएगा. न्यायालय ने 16 फरवरी को कावेरी जल में कर्नाटक का हिस्सा 14.75 टीएमसी फुट बढ़ाकर उसे 270 टीमएमसी फुट कर दिया. उसने नदी जल में तमिलनाडु का हिस्सा घटा दिया, और बदले में राज्य को नदी घाटी से10 टीएमसी फुट भूजल निकालने की अनुमति दे दी.

न्यायालय ने उक्त आदेश देते हुए कहा था कि‘‘ पेयजल का मुद्दा सर्वोच्च प्राथमिकता” वाला है. शीर्ष अदालत के फैसले के अनुसार, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल और संघ शासित प्रदेश पुडुचेरी को क्रमश: प्रतिवर्ष404.25 टीएमसी फुट, 284.75 टीएमसी फुट, 30 टीमएमसी फुट और 7 टीएमसी फुट कावेरी जल मिलेगा.

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