चार धामों में एक पुरी के जगन्नाथ मंदिर में आज खुलेगा 12वीं सदी का खजाना
नयी दिल्ली : भारत के प्राचीन मंदिरों में अकूत खजाना भरा पड़ा है. केरल के पद्मनाभस्वामी मंदिर के रत्न भंडार को खोला गया और उसकी संपत्ति का मूल्यांकन हुआ, तो यह एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का निकला. बुधवार को ओड़िशा में स्थित 12वीं सदी में बने जगन्नाथ मंदिर का 34 साल बाद निरीक्षण […]
नयी दिल्ली : भारत के प्राचीन मंदिरों में अकूत खजाना भरा पड़ा है. केरल के पद्मनाभस्वामी मंदिर के रत्न भंडार को खोला गया और उसकी संपत्ति का मूल्यांकन हुआ, तो यह एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का निकला. बुधवार को ओड़िशा में स्थित 12वीं सदी में बने जगन्नाथ मंदिर का 34 साल बाद निरीक्षण किया जायेगा. श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक पीके जेना ने यह जानकारी दी.
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इस खजाने का मुआयना करने वाले सिर्फ 10 लोगों को ही मंदिर के तहखाने में जाने की इजाजत होगी.ये लोग सिर्फ लंगोटी पहनकर खजाना घर में प्रवेश करेंगे. श्री जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार में देवी-देवताओं के बेशकीमती जेवर और आभूषण रखे जाते हैं. पिछली बार 1984 में इसका निरीक्षण किया गया था. तब रत्न भंडार के 7 में से सिर्फ 3 चैंबर ही खोले गये थे. बताया जाता है कि इस बार में कोई नहीं जानता कि अन्य चैंबरों में क्या रखा है.
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक पीके जेना ने बताया कि 10 सदस्यीय एक समिति 4 अप्रैल को रत्न भंडार (कोषागार) के तल, छत और दीवार की भौतिक स्थिति का निरीक्षण करेगी. उन्होंने साफ किया कि निरीक्षण के दौरान रत्न भंडार के भीतर रखे आभूषणों और अन्य बेशकीमती सामानों का आकलन नहीं किया जायेगी.सिर्फ उसकी दीवारों और छतों का सिर्फ दृश्य निरीक्षण किया जायेगा.
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यहां बताना प्रासंगिक होगा कि तिरुपति बालाजी और पद्मनाभस्वामी मंदिर में भी सोने और हीरे के जेवरात का बड़ा खजाना है. भक्तों के चढ़ावे से यह खजाना दिनोंदिन बढ़ रहा है. जगन्नाथ मंदिर के खजाने को इससे पहले 1984, 1978, 1926 और 1905 में खोला गया था. मंदिर के अधिकारियों को कोषागार की चाबी उसी दिन पुरी स्थित सरकारी कोषागार से मिलेगी. जगन्नाथ मंदिर पुरी में स्थित है और हिंदुओं के चार धामों में से एक है. तीन अन्य धाम बद्रीनाथ, द्वारका और रामेश्वरम हैं.