मनमोहन नदारद, मोदी बने उम्मीदः जेटली
नयी दिल्ली: लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के मतदान के अवसर पर अरुण जेटली ने आज कहा कि इस निर्वाचन में भाजपा का मजबूत खिलाडी के रुप में उभरना, प्रधानमंत्री मंत्री मनमोहन सिंह का खामोश रहना और कई सालों बाद मूक ‘बूथ कैप्चरिंग’ का लौटना इसके कुछ उच्च और निम्न बिंदु रहे हैं. राज्यसभा में […]
नयी दिल्ली: लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के मतदान के अवसर पर अरुण जेटली ने आज कहा कि इस निर्वाचन में भाजपा का मजबूत खिलाडी के रुप में उभरना, प्रधानमंत्री मंत्री मनमोहन सिंह का खामोश रहना और कई सालों बाद मूक ‘बूथ कैप्चरिंग’ का लौटना इसके कुछ उच्च और निम्न बिंदु रहे हैं.
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा, एक साल पहले संप्रग के प्रति सत्ता विरोधी रुझान साफ होने लगा था. ऐसे में यह चुनाव सत्ता विरोधी माहौल और नरेन्द्र मोदी के प्रति बनी लोगों की ‘सकारात्मक उम्मीदों’ के परिदृश्य में लडा गया.
उन्होंने कहा कि 9 चरणों में हुए मतदान के बाद आज से एग्जिट पोल का प्रसारण शुरु हो जाएगा. उन्होंने कहा कि अगर सावधानी बरतते हुए कहा जाए तो एग्जिट पोल के गलत साबित हो सकने का भी अंदेशा रहता है. लेकिन ‘‘मुझे इस बारे में कोई संदेह नहीं कि बडे पैमाने पर हुए मतदान का अर्थ निर्णायक वोट होगा. और इस चुनाव में निर्णायक वोट का मतलब केवल मोदी के पक्ष में, भाजपा के पक्ष में या राजग के पक्ष में मतदान ही हो सकता है.’’ भाजपा नेता ने कहा कि इन चुनावों का उच्च बिंदु मोदी द्वारा प्रदर्शित उर्जा है जिन्होंने एक भी सभा मिस नहीं की.
वह देश के हर कोने में गए और उन क्षेत्रों में भी भाजपा के प्रति माहौल बनाने में कामयाब रहे जहां पार्टी की परंपरागत रुप से खास पैठ नहीं है.चुनाव के निम्न बिंदुओं में उन्होंने निवर्तमान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का चुनावी प्रचार में नजर नहीं आना और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों द्वारा भी अपने आप को प्रेस वार्ताओं तक सीमित रख कर मोदी के विरुद्ध गाली गलौच की भाषा का प्रयोग करना बताया.
जेटली ने अपने ब्लॉग में कहा कि इसके अलावा लगभग एक दशक बाद कुछ राज्यों में ‘‘मूक बूथ कैप्चरिंग’’ का लौटना भी इस निर्वाचन के निम्न बिंदुओं में है. उन्होंने कहा, इस सबके बावजूद विश्व के सबसे बडे लोकतंत्र में जिस तरह लगभग एक महीने तक चला मतदान संपन्न हुआ वह भारतीय लोकतंत्र के लिए गर्व की बात है.