नकदी जमाओं के लिए आयकर विभाग के जांच दायरे में राकांपा
नयी दिल्ली: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की महाराष्ट्र इकाई अपने खाते में 34 करोड रुपये से अधिक की नकदी जमाओं को लेकर आयकर विभाग के जांच दायरे में आ गई है. यह राशि हाल ही में जमा कराई गई और जमा कराने वाले की पैन कार्ड सहित अन्य जानकारी भी नहीं दी गई है. कर […]
नयी दिल्ली: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की महाराष्ट्र इकाई अपने खाते में 34 करोड रुपये से अधिक की नकदी जमाओं को लेकर आयकर विभाग के जांच दायरे में आ गई है. यह राशि हाल ही में जमा कराई गई और जमा कराने वाले की पैन कार्ड सहित अन्य जानकारी भी नहीं दी गई है.
कर अधिकारियों ने बैंक आफ महाराष्ट्र की नरीमन प्वाइंट शाखा में एक अप्रैल 2013 से 21 अप्रैल 2014 के दौरान धन के प्रवाह को पकडा. इसके बाद आयकर विभाग की जांच शाखा ने पार्टी को सम्मन जारी कर इस बारे में दस्तावेज व ब्यौरा मांगा है.आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि चुनाव आयोग के मौजूदा चुनावों के लिए अनिवार्य खर्च प्रोटोकाल के मद्देनजर यह जांच की जा रही है.
सूत्रों ने बताया कि आयकर विभाग ने सवाल उठाया है क्योंकि इस तरह की नकदी जमाओं के साथ जमाकर्ता से जुडी कोई जानकारी आमतौर पर नहीं दी गई है. इनमें जमाकर्ता का पैन या अन्य बैंकिंग ब्यौरा शामिल है. इस अवधि में कंपनी के खातों में कुल मिलाकर 34.75 करोड रुपयेकी नकदी जमा की गई.
एनसीपी की मुंबई स्थित चार्टर्ड एकाउंटेंट फर्म यूजी देवी एंड कपंनी ने एक सवाल के जवाब में कहा है कि यह राशि पार्टी द्वारा विभिन्न जिलों तथा निर्वाचन क्षेत्रों से संग्रहण के रुप में जुटाई गई. यह राशि 100 र, 500 र तथा 1000 रुपयेमूल्य के कूपनों के जरिए जुटाई गई थी.
मौजूदा नियमों के तहत राजनीतिक दलों को 20000 रुपयेसे अधिक की नकदी जमा पर दानदाताओं व जमाकर्ताओं से जुडी जानकारी उपलब्ध कराना जरुरी है जिनमें पैन, बैंक खाता संख्या तथा पता शामिल है. चार्टडर्ड एकाउंटेंट फर्म ने अपना स्पष्टीकरण देने के लिए जून के पहले सप्ताह तक का समय मांगा है क्योंकि उसके पदाधिकारी इस समय चुनावों में व्यस्त हैं.
इसके अनुसार, विभिन्न व्यक्तियों व पार्टी के हितेषियों से संग्रहण, पदाधिकारियों तथा जिला व निर्वाधित प्रतिनिधियों की निगरानी में किया जाता है. इसके अनुसार कंपनी के हितेषियों तथा अन्य लोगों से पार्टी के लिए धन संग्रहण 100 रुपये, 500 रुपयेतथा 1000 रुपयेके मद में किया जाता है. आयकर विभाग के सूत्रों ने बताया कि पार्टी को समय दिया गया है.