केजरीवाल के खिलाफ मानहानि के मुकदमे में स्थगनादेश देने से अदालत का इनकार

नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने शीला दीक्षित के पूर्व सहयोगी पवन खेड़ा की ओर से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि के मुकदमे की सुनवाई पर अंतरिम स्थगनादेश देने से इनकार कर दिया है. न्यायमूर्ति ए. के. पाठक ने ऐसे मामलों का निपटारा एक साल के भीतर करने संबंधी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 5, 2018 1:28 PM

नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने शीला दीक्षित के पूर्व सहयोगी पवन खेड़ा की ओर से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि के मुकदमे की सुनवाई पर अंतरिम स्थगनादेश देने से इनकार कर दिया है. न्यायमूर्ति ए. के. पाठक ने ऐसे मामलों का निपटारा एक साल के भीतर करने संबंधी उच्चतम न्यायालय के आदेश के आलोक में अंतरिम स्थगनादेश देने से मना कर दिया.अदालत ने हालांकि, इस संबंध में राज्य और शिकायतकर्ता पवन खेड़ा को केजरीवाल की अर्जी पर नोटिस जारी किया है.

केजरीवाल ने अपनी अर्जी में कहा है कि शिकायत सुनवाई योग्य नहीं है क्योंकि प्रभावित शख्स निचली अदालत नहीं गये थे.अक्तूबर2012 में बिजली दरों में वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान दीक्षित पर केजरीवल की कथित टिप्पणियों को लेकर मानहानि का मुकदमा दायर किया गया है.खेड़ा ने अपनी अर्जी में आरोप लगाया है कि केजरीवाल ने एक टीवी शो के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया.
केजरीवाल की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सुधीर नंदराजोग ने कहा कि पहली नजर में शिकायत अवैध है और निचली अदालत में चल रही सुनवाई को स्थगित करने का अनुरोध किया.अदालत ने कहा कि शीर्ष अदालत के निर्देशों के आलोक में इस स्तर पर कोई अंतरिम आदेश नहीं दिया जा सकता है.अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए11 जुलाई की तारीख तय की है .

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