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लोकसभा में आगे नहीं बढ़ सका अविश्वास प्रस्ताव, कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

नयी दिल्ली : लोकसभा की कार्यवाही शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गयी और हंगामे के कारण सदन में कामकाज नहीं हो पाया. सदन में व्यवस्था नहीं रहने के कारण केंद्र सरकार के खिलाफ वाईएसआर कांग्रेस, तेलुगू देशम पार्टी एवं अन्य विपक्षी दलों का अविश्वास प्रस्ताव पिछले करीब 10 दिनों में आगे नहीं […]

नयी दिल्ली : लोकसभा की कार्यवाही शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गयी और हंगामे के कारण सदन में कामकाज नहीं हो पाया. सदन में व्यवस्था नहीं रहने के कारण केंद्र सरकार के खिलाफ वाईएसआर कांग्रेस, तेलुगू देशम पार्टी एवं अन्य विपक्षी दलों का अविश्वास प्रस्ताव पिछले करीब 10 दिनों में आगे नहीं बढ़ सका.

लोकसभाध्यक्ष सुमित्रा महाजन का कहना रहा है कि सदन में व्यवस्था नहीं होने के कारण अविश्वास प्रस्ताव को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है. बजट सत्र के दूसरे चरण में सदन में वित्त वर्ष 2018-19 का बजट एवं उससे जुड़ा वित्त विधेयक तथा संबंधित विनियोग विधेयक ही हंगामे के बीच पारित किये जा सके हैं. सदन में प्रारंभ से ही पीएनबी धोखाधड़ी मामला, आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग, कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग समेत कई अन्य मुद्दे पर कांग्रेस, तेलुगू देशम पार्टी, वाईएसआर कांग्रेस, अन्नाद्रमुक सदस्य आसन के समीप नारेबाजी करते रहे हैं. तेलुगू देशम पार्टी ने शुक्रवार को इस मुद्दे पर संसद भवन परिसर में धरना भी दिया.

अन्नाद्रमुक सदस्यों ने शुक्रवार को भी सदन में कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग को उठाया और इस विषय पर संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष धरना दिया. कर्नाटक से कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने बोर्ड के गठन का विरोध किया. संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि सरकार अविश्वास प्रस्ताव समेत किसी भी विषय पर नियमों के तहत चर्चा के लिए तैयार है और सभी दलों को सदन की कार्यवाही चलवाने में सहयोग करना चाहिए. आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने और आंध्र प्रदेश पुनर्गठन कानून के प्रावधानों को पूरी तरह से लागू किये जाने की मांग को लेकर तेलुगू देशम पार्टी और वाईएसआर कांग्रेस बजट सत्र के दूसरे हिस्से की शुरुआत से ही संसद में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस मुद्दे को लेकर पहले तेलुगू देशम पार्टी ने मोदी सरकार में अपने कोटे के दो मंत्रियों का इस्तीफा दिलवाया और उसके कुछ दिनों के बाद वह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से अलग हो गयी.

वाईएसआर कांग्रेस और तेलुगू देशम पार्टी केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव करीब दो सप्ताह से लाने को प्रयासरत हैं. आंध्र प्रदेश के लिए विशेष दर्जे की मांग के मुद्दे पर आज वाईएसआर कांग्रेस के पांच लोकसभा सदस्यों ने स्पीकर सुमित्रा महाजन को अपना इस्तीफा सौंप दिया. पार्टी के पांच सांसदों वारा प्रसाद राव वेलगापल्ली, वाई वी सुब्बा रेड्डी, पी वी मिधुन रेड्डी, वाईएस अविनाश रेड्डी और सदन में पार्टी के नेता एम राजमोहन रेड्डी ने इस्तीफा दिया है. राज्यसभा में गुरुवार को हुए एक अप्रत्याशित घटनाक्रम में तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के सांसद आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर उच्च सदन के स्थगित होने के बावजूद सदन में धरना देकर बैठे रहे और अंतत: करीब साढ़े पांच घंटे बाद उन्हें मार्शलों के जरिये सदन से बाहर भेजा गया.

अपनी पार्टी के राज्यसभा सदस्यों के समर्थन में तेदेपा के 15 लोकसभा सदस्य संसद के केंद्रीय कक्ष में धरने पर बैठ गये थे. हर दिन नयी वेशभूषा में नये संदेश के साथ आनेवाले तेदेपा सांसद एन शिव प्रसाद आज साधु का रूप धरकर आये थे. तेदेपा नेता थोटा नरसिम्हन ने कहा कि यह आंध्र प्रदेश के लोगों के लिये भावनात्मक एवं अति महत्वपूर्ण विषय है. हम इस विषय पर अपना संघर्ष जारी रखेंगे.

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