पणजी : गोवा में फेफड़े के कैंसर से जूझ रहीं करीब40 प्रतिशत महिलाएं ऐसी हैं जो धूम्रपान नहीं करती हैं. इसका मतलब यह है कि वे‘ पैसिव स्मोकिंग’ की शिकार हुयी हैं. यह जानकारी तंबाकू विरोधी एक गैर सरकारी संगठन( एनजीओ) ने दी है. नेशनलऑर्ग नाइजेशन फॉर टोबैको इरेडिकेशन( एनओटीई) ने कल बताया कि राज्य में धूम्रपान करने वाली महिलाओं की संख्या में वृद्धि हुयी है.
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गोवा में 40 फीसद महिलाओं को फेफड़े का कैंसर
पणजी : गोवा में फेफड़े के कैंसर से जूझ रहीं करीब40 प्रतिशत महिलाएं ऐसी हैं जो धूम्रपान नहीं करती हैं. इसका मतलब यह है कि वे‘ पैसिव स्मोकिंग’ की शिकार हुयी हैं. यह जानकारी तंबाकू विरोधी एक गैर सरकारी संगठन( एनजीओ) ने दी है. नेशनलऑर्ग नाइजेशन फॉर टोबैको इरेडिकेशन( एनओटीई) ने कल बताया कि राज्य […]
इसमें बताया गया है कि पिछले तीन दशकों में राज्य के लोगों में धूम्रपान करने वालों का कुल प्रतिशत कम हुआ है. एनओटीई इंडिया के अध्यक्ष डॉक्टर शेखर सालकर ने बताया कि गोवा में फेफड़े के कैंसर से जूझ रही करीब 40 प्रतिशत महिलाएं धूम्रपान नहीं करती हैं. एक ऑन्कोलॉजिस्ट डॉक्टर सालकर ने बताया, ‘‘ इसका मतलब यह है कि या तो वे अपने पति या पार्टनर( जो धूम्रपान करते हैं) की पैसिव स्मोकिंग का शिकार हुईं हैं या कोई और कारण है.”
उन्होंने दावा किया कि1984 में गोवा में कराये गये एक सर्वे के मुताबिक करीब 50 फीसद लोगों ने धूम्रपान करने की बात कही थी जबकि2018 में धूम्रपान करने वाले लोगों की संख्यागिरकर 10 प्रतिशत हो गयी है. सालकर ने बताया, ‘‘ लेकिन हम चिंतित हैं कि धूम्रपान करने वाली महिलाओं की संख्या में कुछ बढ़ोतरी हुयी है.” तंबाकू खाने और इसके प्रभावों पर सर्वे करने वाले एनजीओ ने बताया कि जबाव देने वालों में से तंबाकू सेवन करने वाले90 प्रतिशत लोग चिंबेल और जुरियानगर में झुग्गी इलाकों के रहने वाले हैं.
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