ED की बड़ी कार्रवाई, 2600 करोड़ के बैंक लोन फ्रॉड मामले में DPIL के सात ठिकानों पर छापा
नयी दिल्ली/अहमदाबाद : बड़ोदरा स्थित एक कंपनी द्वारा कथित तौर पर बैंकों से 2,654 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के सिलसिले में दर्ज मामले में प्रवर्तन निदेशालय नेसोमवारको कई जगह छापेमारी की. अधिकारियों ने कहा कि बड़ोदरा में डायमंड पावर इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (डीपीआइएल) से जुड़ी सात जगहों पर छापेमारी कीगयी. इसे भी पढ़ें : CBI […]
नयी दिल्ली/अहमदाबाद : बड़ोदरा स्थित एक कंपनी द्वारा कथित तौर पर बैंकों से 2,654 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के सिलसिले में दर्ज मामले में प्रवर्तन निदेशालय नेसोमवारको कई जगह छापेमारी की. अधिकारियों ने कहा कि बड़ोदरा में डायमंड पावर इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (डीपीआइएल) से जुड़ी सात जगहों पर छापेमारी कीगयी.
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उन्होंने कहा कि शहर के गोरवा इलाके में कंपनी के कॉरपोरेट दफ्तर, वडडाला और रानोली में कारखानों तथा निजामपुरा और न्यू अलकापुरी में कार्यकारियों के आवासीय परिसरों पर छापेमारी की गयी. हाल में सीबीआइ द्वारा दर्ज करायीगयी एफआइआर के आधार पर धन शोधन निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज करने के बाद एजेंसी ने यह कार्रवाई की. सीबीआई ने पिछले हफ्ते भी छापेमारी की थी.
प्रवर्तन निदेशालय इस बात की जांच कर रहा है कि कर्ज की इस रकम का इस्तेमाल कहीं अवैध रूप से संपत्ति खरीदने या दूसरी गड़बड़ियों में तो नहींकिया. सीबीआइ ने आरोप लगाया कि इलेक्ट्रिक केबल और उपकरण बनाने वाली कंपनी डीपीआइएल का मालिकाना हक एसएन भटनागर और उनके बेटों अमित भटनागर व सुमित भटनागर के पास है, जो इस कंपनी में एक्जीक्यूटिव हैं.
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सीबीआइ ने कहा, आरोप है कि अपने प्रबंधन के जरिये डीपीआइएल ने 11 बैंकों के समूह (सरकारी और निजी दोनों) से वर्ष 2008 से साख (क्रेडिट) की सुविधा हासिल की और 29 जून, 2016 को बकाया कर्ज 2,654.40 करोड़ हो गया. उसने कहा कि वर्ष 2016-17 में 2,654 करोड़ रुपये के कर्ज को गैर-निष्पादित संपत्ति घोषित कर दिया गया.