फडणवीस ने दिया संकेत-शिवसेना के साथ मिलकर लड़ेंगे चुनाव, सभी धर्मनिरपेक्ष हिंदुत्व दल होंगे एकजुट

मुंबई : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को कहा कि ‘छद्म धर्मनिरपेक्ष’ विपक्ष का मुकाबला करने के लिए सभी ‘धर्मनिरपेक्ष हिंदुत्व’ दल एकजुट होंगे. यह कहकर उन्होंने संकेत दिये कि उन्हें ऐसी उम्मीद है कि भाजपा और नाराज चल रही उसकी सहयोगी शिवसेना 2019 का चुनाव मिलकर लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि भाजपा-शिवसेना गठबंधन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 11, 2018 5:18 PM

मुंबई : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को कहा कि ‘छद्म धर्मनिरपेक्ष’ विपक्ष का मुकाबला करने के लिए सभी ‘धर्मनिरपेक्ष हिंदुत्व’ दल एकजुट होंगे. यह कहकर उन्होंने संकेत दिये कि उन्हें ऐसी उम्मीद है कि भाजपा और नाराज चल रही उसकी सहयोगी शिवसेना 2019 का चुनाव मिलकर लड़ेंगे.

उन्होंने कहा कि भाजपा-शिवसेना गठबंधन सीट बंटवारे पर उद्धव ठाकरे के नेतृत्ववाली पार्टी के ‘अड़ियल’ रवैये के कारण वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव से पहले ही टूट गया था. उन्होंने कहा, ‘शिवसेना को भले ही उद्धव ठाकरे संचालित कर रहे हैं, लेकिन यह दिवंगत बाला साहेब ठाकरे के सिद्धांतों पर चलती है. वर्तमान स्थिति को देखते हुए मैं कह सकता हूं कि छद्म धर्मनिरपेक्ष विपक्षी दलों का मुकाबला करने के लिए सभी हिंदुत्ववादी धर्मनिरपेक्ष दल एकजुट होंगे. फडणवीस ने कहा, ‘बाला साहेब का भी यही मानना था.’ मुख्यमंत्री ने यहां लोकमत समूह के कार्यक्रम में शिवसेना के राज्यसभा सदस्य और उसके मुखपत्र ‘सामना’ के कार्यकारी संपादक संजय राउत को मंगलवारको दिये साक्षात्कार में यह कहा. कार्यक्रम में लोकमत समूह के अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य विजय दर्डा भी मौजूद थे.

राउत ने फडणवीस से पूछा कि वह शिवसेना की भविष्य की योजनाओं को कैसे जान सकते हैं, जबकि वह आरएसएस के अगले कदम का अंदाजा तक नहीं लगा सकते. इस पर उन्होंने कहा, ‘शिवसेना राजनीतिक दल है और इसलिए यह अनुमान लगाना आसान है कि वह भविष्य में क्या करेगी.’ फडणवीस ने कहा, ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की कोई राजनीतिक विवशता नहीं है. इसके कार्यक्रम एक साल पहले ही तय रहते हैं और वह अपने कार्यक्रम के अनुसार उसे आयोजित करता है.’ जब राउत ने उनसे पूछा कि बाल ठाकरे की हिंदुत्व की विचारधारा को भाजपा ने 2014 में शिवसेना से संबंध तोड़कर क्यों भुला दिया, इस पर फडणवीस ने महज चार और सीटों के लिए अड़ियल रवैया रखने के लिए शिवसेना को जिम्मेदार ठहराया.

फडणवीस ने इस बात से इनकार किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या भाजपा प्रमुख अमित शाह के पास महाराष्ट्र सरकार का ‘रिमोट कंट्रोल’ है. उन्होंने कहा, ‘मोदी ने हमें लोकलुभावन कदम नहीं उठाने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि लोकलुभावन कदम नहीं उठाये जायें और ऐसी घोषणाएं नहीं की जायें जिन्हें लागू ना किया जा सके.’ मुख्यमंत्री ने सभी राजनीतिक दलों से भी अपील की कि वे इस बात का अवलोकन करें कि क्या वे अपराधियों को महिमामंडित कर रहे हैं. लोगों को भी यह फैसला करना चाहिए कि क्या ऐसे अपराधियों को चुना जाना चाहिए.

कांग्रेस के पूर्व नेता नारायण राणे पर एक सवाल पर फडणवीस ने कहा कि राणे की पूर्व पार्टी शिवसेना को इस बात का अवलोकन करना चाहिए कि भाजपा को उन्हें क्यों शामिल करना पड़ा. उन्होंने कहा, ‘हमने उनसे हाथ मिलाया क्योंकि आप हमसे सौतेला व्यवहार कर रहे हैं.’

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