बजट सत्र के बाधित होने पर अमित शाह ने कहा-कांग्रेस का मकसद बिखराव व अस्थिरता की राजनीति करना
नयी दिल्ली : भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने गुरुवारको कांग्रेस पर संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में दोनों सदनों का माहौल खराब करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस का जनकल्याण से कोई वास्ता नहीं है और उसका मकसद बिखराव तथा अस्थिरता की राजनीति करना है. शाह ने कहा कि कांग्रेस ने […]
नयी दिल्ली : भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने गुरुवारको कांग्रेस पर संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में दोनों सदनों का माहौल खराब करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस का जनकल्याण से कोई वास्ता नहीं है और उसका मकसद बिखराव तथा अस्थिरता की राजनीति करना है.
शाह ने कहा कि कांग्रेस ने पूरे सत्र में सदन के कामकाज में बाधा पहुंचायी और देश के सर्वांगीण विकास के प्रयास में अवरोध पैदा करने का काम किया. उन्होंने कहा कि इसके लिए देश की जनता विपक्षी पार्टी को कभी माफ नहीं करेगी. बजट सत्र के दूसरे हिस्से में संसद में कामकाज बाधित रहने के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गुरुवारको भाजपा के मंत्रियों, सांसदों, विधायकों आदि ने देश के विभिन्न क्षेत्रों में उपवास रखा और धरना दिया. प्रधानमंत्री ने कामकाज करते हुए उपवास रखा. वे तमिलनाडु में डिफेंस एक्पो 2018 समेत कुछ अन्य कार्यक्रमों में शामिल हुए. अमित शाह कर्नाटक के हुबली में धरना में शामिल हुए.
वहीं, कांग्रेस ने भाजपा के उपवास एवं धरना प्रदर्शन पर तंज किया कि प्रधानमंत्री बलात्कार की घटनाओं के खिलाफ भी उपवास रखें और उन्नाव बलात्कार मामले में दखल दें. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री देश भर में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराध के प्रति ‘गंभीर नहीं’ हैं.। बहरहाल, भाजपा अध्यक्ष ने अपने ब्लाॅग में लिखा कि संसद लोकतंत्र के मंदिर के समान है जहां से देश के विकास की योजनाएं और नीतियां मूर्त रूप लेती हैं. देश की सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक संपन्नता के लिए जनप्रतिनिधि कानून बनाने का काम करते हैं. मुद्दों पर बहस की जाती है, जनकल्याणकारी योजनाएं तैयार होती हैं. ताकि सबको समानता मिल सके. इसके लिए सरकार ही नहीं, बल्कि विपक्ष को एकजुट होकर बहस करने की जरूरत होती है.
उन्होंने कहा, ‘बजट सत्र के दूसरे चरण में जिस तरह से कांग्रेस ने माहौल खराब किया और पूरे सत्र में बाधा पहुंचायी, उसके लिए उसे देश की जनता कभी माफ नहीं करेगी.’ शाह ने कहा कि बैंक घोटाला, आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा, कावेरी विवाद से लेकर अविश्वास प्रस्ताव तक में सरकार की ओर से संसदीय कार्यमंत्री, वित्त मंत्री, गृह मंत्री ने भरोसा दिलाया था कि सदन को चलने दिया जाये और इन मुद्दों पर बहस करायी जाये. लेकिन, कांग्रेस ने सिर्फ यह राग अलापना शुरू किया कि सरकार बहस नहीं चाहती. उन्होंने कहा कि कुछ विपक्षी दल भी कांग्रेस के सुर में सुर मिलाने लगे. जिसका नतीजा यह हुआ कि बजट सत्र के दूसरे चरण में 22 कार्य दिवस पूरी तरह से बर्बाद हो गये.
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस ने सदन जनता के प्रति प्रतिबद्वता की चिंता छोड़ बाधा पहुंचाने में महारत हासिल कर ली है. इसलिए बहस करने की बजाय हंगामा करके कामकाज में बाधा पहुंचाने का बीड़ा उठा लिया. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों जो हुआ उसे देखकर यही लगता है कि सदन में सार्थक बहस करने की बजाय सदन के बाहर हंगामा करने में विपक्षी दल की दिलचस्पी ज्यादा दिखी. इस बात को हर देशवासी भी भली-भांति समझ रहा है. शाह ने कहा कि कांग्रेस और विपक्ष के गैर जिम्मेदाराना रुख के चलते बजट सत्र के दूसरे चरण में राज्यसभा में जनता का लगभग 133 करोड़ रुपया और लोकसभा में लगभग 200 करोड़ रुपया बर्बाद हो गया. इसलिए, अंतराआत्मा की आवाज पर हमने बजट सत्र के दूसरे चरण का वेतन भत्ता नहीं लेने का निर्णय लिया.