रक्षा खरीद नीति पर बोले पीएम मोदी-विदेशी और घरेलू कंपनियों से बातचीत करेगी सरकार

तिरुवेदांती (तमिलनाडु) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवारको कहा कि रक्षा उत्पादन और खरीद नीति पर विदेशी और घरेलू कंपनियों सहित विभिन्न प्रमुख पक्षों के साथ विचार-विमर्श किया जायेगा. प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि सरकार देश में सैन्य विनिर्माण को जोरदार तरीके से बढ़ाने का प्रयास कर रही है. यहां रक्षा प्रदर्शनी को संबोधित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 12, 2018 7:30 PM

तिरुवेदांती (तमिलनाडु) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवारको कहा कि रक्षा उत्पादन और खरीद नीति पर विदेशी और घरेलू कंपनियों सहित विभिन्न प्रमुख पक्षों के साथ विचार-विमर्श किया जायेगा. प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि सरकार देश में सैन्य विनिर्माण को जोरदार तरीके से बढ़ाने का प्रयास कर रही है.

यहां रक्षा प्रदर्शनी को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि सरकार इस बात को लेकर सजग है कि रक्षा औद्योगिक परिसर बनाना आसान नहीं है, लेकिन वह ईमानदारी से इस दिशा में प्रयास कर रही है. इस मौके पर वैश्विक रक्षा कंपनियों के शीर्ष कार्यकारी भी मौजूद थे. मोदी ने कहा, ‘हम ऐसा रक्षा औद्योगिक परिसर बनाने को लेकर प्रतिबद्ध हैं जिसमें सभी के लिए जगह होगी. सार्वजनिक क्षेत्र, निजी क्षेत्र के साथ-साथ विदेशी कंपनियों के लिए भी.’ सरकार इस द्विवार्षिक कार्यक्रम के दसवें संस्करण को देश को सैन्य विनिर्माण के बड़े केंद्र के रूप में बदलने के पहले बड़े प्रयास के रूप में दर्शा रही है.

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हम जानते हैं कि काफी कुछ करने की जरूरत है. इस पहेली के अलग-अलग हिस्सों को एक साथ जोड़ने की जरूरत है.’ रक्षा मंत्रालय ने पिछले महीने नीति का मसौदा पेश किया था जिसमें सैन्य वस्तुओं और सेवाओं से 2025 तक 1,70,000 करोड़ रुपये का कारोबार हासिल करने का लक्ष्य किया गया है. इस लक्ष्य को पाने के लिए घरेलू रक्षा उद्योग को प्रोत्साहन दिया जायेगा. इस नीति को अगले दो माह में अंतिम रूप दिये जाने की उम्मीद है. मोदी ने कहा, ‘आनेवाले हफ्तों में हम भारतीय और विदेशी कंपनियों सहित सभी अंशधारकों के साथ रक्षा उत्पादन और रक्षा खरीद नीति पर गहन विचार विमर्श करेंगे. मैं चाहूंगा कि आप सभी इसमें सक्रियता से शामिल हों.’ मोदी ने कहा, ‘हमारा मकसद सिर्फ बातचीत करना ही नहीं है, बल्कि हम सही सीख भी रखना चाहते हैं. हमारी मंशा सिर्फ भाषण देने नहीं बल्कि सुनने की भी है. हमारा लक्ष्य सिर्फ छोटे-मोटे बदलाव लाना नहीं, बल्कि पूरे बदलाव लाने का है.’

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर ‘रक्षा विशिष्टता नवोन्मेषण’ योजना भी पेश की. इस योजना के तहत देशभर में रक्षा नवोन्मेषण हब स्थापित किये जायेंगे, जो रक्षा क्षेत्र के स्टार्टअप्स को आवश्यक इनकुबेशन तथा ढांचागत सहयोग उपलब्ध करायेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार ने देश के रक्षा उद्योग को मजबूत करने के लिए पिछले कुछ साल के दौरान विनम्र प्रयास किया है. उन्होंने कहा, ‘रक्षा विनिर्माण लाइसेंस, रक्षा आॅफसेट, रक्षा निर्यात मंजूरियों, रक्षा विनिर्माण में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और रक्षा खरीद में सुधार के लिए हमने कई कदम उठाये हैं.’ प्रधानमंत्री ने कहा कि इन सभी क्षेत्रों में हमने नियमनों, प्रक्रियाओं को उद्योगों के अधिक अनुकूल, अधिक पारदर्शी, अधिक अनुमान लगाने योग्य और परिणाम देनेवाला बनाया है. उन्होंने बताया कि औद्योगिक लाइसेंस की वैधता अवधि को तीन से बढ़ाकर 15 साल किया गया है. इसे तीन साल और बढ़ाने का भी प्रावधान है. इसके साथ ही आॅफसेट दिशा-निर्देशों को अधिक लचीला किया गया है.

मोदी ने कहा कि विदेशी मूल उपकरण विनिर्माताओं को अब अनुबंध पर हस्ताक्षर के समय भारतीय आॅफसेट भागीदारों तथा उत्पाद का ब्योरा देना होगा. मोदी ने कहा कि निर्यात अधिकरण के लिए मानक परिचालन प्रक्रियाओं को सरल किया गया है और इन्हें सार्वजनिक रूप से जारी किया गया है. मोदी ने कहा कि हमने स्वत: मंजूर मार्ग से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा को 26 से बढ़ाकर 49 प्रतिशत किया है. कुछेक मामलों में इसे 100 प्रतिशत तक किया जा सकता है. प्रधानमंत्री ने दो रक्षा औद्योगिक गलियारों की स्थापना के प्रस्ताव का भी उल्लेख किया. इनमें से एक तमिलनाडु में और दूसरा उत्तर प्रदेश में लगाया जायेगा. मोदी ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में निजी उद्यम पूंजी को भी प्रोत्साहन दिया जायेगा. विशेषरूप से स्टार्टअप्स के लिए.

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