कितनी निर्भया होंगी शिकार, रेप पर मौत की सजा के लिए कई राज्य आ रहे हैं आगे

नयी दिल्ली : निर्भया गैंगरेप के बाद देशभर में दुष्कर्म के खिलाफ एक माहौल बना. जगह- जगह विरोध प्रदर्शन हुए. हांथों में मोमबत्ती लिये लोग सड़क पर निकले. विरोध प्रदर्शन में छात्राओं ने लाठियां खायी. देश में कड़े कानून की मांग हुई. फार्स्ट ट्रैक कोर्ट बने. क्या बदला? दुष्कर्म की घटना बढ़ती चली गयी. निर्भय़ा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 13, 2018 11:39 AM

नयी दिल्ली : निर्भया गैंगरेप के बाद देशभर में दुष्कर्म के खिलाफ एक माहौल बना. जगह- जगह विरोध प्रदर्शन हुए. हांथों में मोमबत्ती लिये लोग सड़क पर निकले. विरोध प्रदर्शन में छात्राओं ने लाठियां खायी. देश में कड़े कानून की मांग हुई. फार्स्ट ट्रैक कोर्ट बने. क्या बदला? दुष्कर्म की घटना बढ़ती चली गयी. निर्भय़ा के बाद ऐसी कई घटनाएं सामने आयी. 2012 ‘निर्भया’ रेप के बाद कानूनों में बदलाव हुआ. इस बदलाव ने आकड़ों के सिवा कुछ नहीं बदला दुष्कर्म की घटना में 9 फीसद की बढोत्तरी हुई.

मौत की सजा से काम मंजूर नहीं
कठुआ गैंगरेप ने एक बार फिर निर्भया की चिंगारी को हवा दी है. सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक कठुआ गैंगरेप की निंदा हो रही है. अब मांग हो रही है मौत के सजा की. मध्यप्रदेश ने नाबालिग से रेप पर मौत की सजा का कानून बनाया. हरियाणा और राजस्थान जैसे दूसरे राज्यों ने भी इस दिशा में कदम बढ़ाने के संकेत दिये हैं. अबतक दुष्कर्म में मौत की सजा का कानून कहीं नहीं बना था. अब इस दिशा में सरकार फैसला ले रही है. महबूबा मुफ्ती ने भी ट्वीट कर आरोपी को मौत की सजा तक पहुंचाने की बात कही है.
राजस्‍थान के मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि उनकी सरकार भी मध्‍यप्रदेश की तरह ही ऐसा कानून लाएगी जिसके तहत नाबालिगों के साथ दुष्‍कर्म करने वाले दोषियों को फांसी पर लटकाया जाएगा. मध्‍य प्रदेश विधानसभा ने पिछले साल 4 दिसंबर को सर्वसम्‍मति से दंड कानून (मध्य प्रदेश संशोधन) बिल-2017 पारित कर दिया जिसके तहत 12 या उससे कम उम्र की लड़कियों के साथ दुष्‍कर्म मामले में दोषी को मौत की सजा दी जाएगी.
दुष्कर्म पर मौत की सजा मिली तो हम किन देशों में शामिल हो जायेंगे
देश के कई राज्यों में दुष्कर्म के दोषियों को मौत की सजा देने पर ठोस कानून बनाने को लेकर विचार हो रहा है. अगर भारत में इस दुष्कर्म को लेकर कड़े कानून बनाये जाते हैं तो हम उत्तर कोरिया, सऊदी अरब, चीन, मिस्र, ईरान और अफ़ग़ानिस्तान जैसे देशों की कतार में शामिल हो जायेंगे. इन देशों में दुष्कर्म पर मौत की सजा है. सऊदी अरब में दुष्कर्म के अपराधी का सिर काटकर सार्वजानिक तौर पर सजा दी जाती है. अफगानिस्तान और नार्थ कोरिया में एक हफ्ते के भीतर दोषी को गोली मार दी जाती है. चीन में दोषी को नपुंसक बनाकर उसकी हत्या कर दी जाती है. मिस्र और ईरान में दोषी को फांसी पर लटका देने का प्रावधान है.
क्या होती है परेशानी
मौत की सजा को लेकर भारत में विवाद होता रहा है. कई मानवधिकार संगठन मौत की सजा का विरोध करते हैं. न सिर्फ भारत में बल्कि दुनिया के दो-तिहाई से भी अधिक देशों में मृत्यु दंड का प्रवधान खत्म हो चुका है.
आकड़ों में समझें कहां खड़े है हम
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आकड़े के अनुसार, 2016 में देशभर में महिलाओं के साथ रेप के कुल 38947 मामले सामने आए, मतलब हर रोज औसतन 107 महिलाएं रेप का शिकार हुईं. साल 2015 में महिलाओं के ख़िलाफ़ रेप के सबसे अधिक मामले मध्य प्रदेश में दर्ज हुए. एनसीआरबी के मुताबिक 2015 में देश भर में 34,651 रेप के मामले दर्ज हुए जिनमें सबसे ज्यादा 4,391 मध्य प्रदेश में थे.
बच्चों के ख़िलाफ़ हो रहे अपराध के आंकड़े पर गौर करें तो साल 2014 8904 मामले सामने आए. 2015 में 14913 अपराध बच्चों के खिलाफ अपराध के मामले सामने आए जो 2016 में बढ़ कर 35955 हो गए. थाने तक बलात्कार की शिकायतों का आकड़ा 2012 में 24,923 से 39 प्रतिशत बढ़कर साल 2015 में 34,651 हो गया. इस संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है.
आकड़े
2010- 22,172
2011- 24,206
2012- 24,923
2013- 33,707
2014- 36,735
रेप की घटनाओं में बढ़ोत्तरी 9.0 %
फंड और फार्स्ट ट्रैक कोर्ट का हाल
2013 में भारी दवाब और आंदोलन के बाद सरकार ने यौन हिंसा की रोकथाम औऱ सुरक्षा के लिए ‘निर्भया फ़ंड’ बनाया गया इस फंड के खर्च और पीड़ितों के लाभ को लेकर सवाल उठते रहे. औरतों और बच्चों के ख़िलाफ़ हिंसा की सुनवाई के लिए 524 ‘फ़ास्ट ट्रैक’ कोर्ट बने. इन कोर्ट में कितने वक्त में सुनवाई होती है इसे लेकर अबतक कोई सर्वे नहीं आय़ा है.

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