नयी दिल्ली : 2007 के हैदराबाद के मक्का मसजिद ब्लास्ट मामले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे हिंदुत्ववादी कार्यकर्ता स्वामी असीमानंद व अन्य चार को आज हैदराबाद की एनआइए अदालत ने बरी कर दिया. अदालत के इस फैसले के बाद आरएसएस व भाजपा से जुड़े लोगों ने त्वरित प्रतिक्रिया दी राकेश सिन्हा व विनय कटियार ने इसे कोर्ट का दूध का दूध और पानी का पानी करना बताया. वहीं, इस मामले में सोशल मीडिया पर भी लोग सक्रिय हैं. इस मुद्दे पर कईवरिष्ठ पत्रकारों, राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों व आम आदमी ने ट्वीट किये हैं और अपनी-अपनी राय रखी है.
वरिष्ठ टीवी पत्रकार ब्रजेश सिंह नेइस मामले में ट्विटर पर लिखा – हिंदू आतंकवाद के चेहरे के तौर पर प्रोजेक्ट कर कांग्रेस की अगुआई वाली तत्कालीन यूपीए सरकार ने जिस स्वामी असीमानंद को जेल भेजा, वो आतंक के मामलों में फंसने से पहले गुजरात के डांग जिले में इस एक कमरे के मकान में रहते थे व आदिवासियों को ईसाई मिशनरियों के चंगुल में फंसने से रोक रहे थे.
हिंदू आतंकवाद के चेहरे के तौर पर प्रोजेक्ट कर कांग्रेस की अगुआई वाली तत्कालीन यूपीए सरकार ने जिस स्वामी असीमानंद को जेल भेजा, वो आतंक के मामलों में फँसने से पहले गुजरात के डांग जिले में इस एक कमरे के मकान में रहते थे व आदिवासियों को ईसाई मिशनरियों के चंगुल में फँसने से रोक रहे थे pic.twitter.com/d34dl2zbKD
— Brajesh Kumar Singh (@brajeshksingh) April 16, 2018
वहीं, वरिष्ठ पत्रकार व द वायर वेबसाइट के संस्थापकों से एक एमके वेणु ने लिखा – मक्का मसजिद केस से सभी हिंदू आतंकियों को बरी कर दिया जाना सीबीआइ और एनआइए की एक और बड़ी विफलता है. बहुत से गवाह मुकर गये. क्रिटिकल डॉक्यूमेंट खो गये. जांच व प्रोसिडिंग पर विश्वसीनयता का सवाल है. उन्होंने एक और ट्वीट में कहा कि मक्का मसजिद, अजमेर व समझौता एक्सप्रेस एवं मालेगांव में कई आरोपियों के नाम साझा हैं.
Another big failure for CBI/NIA as court acquits all "Hindu terror" accused in Mecca-masjid blast. Many witnesses went hostile. Critical documents went missing. Serious credibility issue for investigation/prosecution system.
— M K Venu (@mkvenu1) April 16, 2018
पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने लिखा – 11 साल बाद मक्का मसजिद ब्लास्ट के सभी आरोपी बरी हुए, बिल्कुल आठ लोगों की जान लेने वाले व 58 को घायल करने वाले उस विस्फोट के लिए कोई जिम्मेवार नहीं है, यह है इंडिया.
11 years on, all accused acquitted in Mecca Masjid blasts. Net net: no one responsible for blasts in which eight people died, 58 injured.. yeh hai India! #MeccaMasjidBlast
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) April 16, 2018
वहीं, एएनआइ की एडिटर स्मिता प्रकाश ने यूपीए सरकार के समय गृह सचिव रहे आवीएस मणि के बयान के हावले से लिखा – यह एक यूनिक केस है, जिसमें आज की सरकार, एजेंसियों ने आतंक के दोषी व्यक्ति को संरक्षण दिया. कोई और देश इस तरह नहीं कर सकता है, यह यहां किया गया.
It was a unique case where the govt of the day, institutional agencies, protected the perpetrators of terror. In no other country could this be done, it was done here. : RVS Mani, former Under Secretary, Ministry of Home Affairs on UPA govt on Mecca Masjid blast case pic.twitter.com/2p4UZM25Wx
— Smita Prakash (@smitaprakash) April 16, 2018
वहीं, अंकुर जैन ने लिखा – स्वामी असीमानंद और अन्य आरोपी मक्का मसजिद केस से बरी हुए. हिंदुओं को आतंकी के रूप में दिखाने का प्लान विफल हुआ, अब हिंदुओं को रेपिस्ट के रूप में दिखाने का जो मंदिरों में भी रेप करते हैं के रूप में दिखाने का प्लान अभी जारी है.
https://twitter.com/indiantweeter/status/985773025982386177?ref_src=twsrc%5Etfw