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इस साल 97% होगी बारिश, अर्थव्यवस्था में आयेगी हरियाली, मई अंत तक दस्तक देगा मॉनसून

नयी दिल्ली : भारतीय मौसम विभाग ने सोमवार को मॉनसून का पहला अनुमान जारी करते हुए कहा है कि इस साल देश में 97 फीसदी बारिश होगी. यानी जून से लेकर के सितंबर के बीच सामान्य बारिश होगी. मई मध्य तक केरल में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के दस्तक की तरीख तय होगी. फिर जून में मॉनसून […]

नयी दिल्ली : भारतीय मौसम विभाग ने सोमवार को मॉनसून का पहला अनुमान जारी करते हुए कहा है कि इस साल देश में 97 फीसदी बारिश होगी. यानी जून से लेकर के सितंबर के बीच सामान्य बारिश होगी. मई मध्य तक केरल में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के दस्तक की तरीख तय होगी. फिर जून में मॉनसून का दूसरा अनुमान जारी होगा. सामान्य बारिश होने से अच्छी खेती होगी. अर्थव्यवस्था पर इसका सकारात्मक असर पड़ेगा.
भारतीय मौसम विभाग के डीजी केजी रमेश ने कहा कि मॉनसून का लंबी अवधि (एलपीए) का औसत 97 फीसदी रहेगा जो कि इस मौसम के लिए सामान्य है. कम मॉनसून की बहुत कम आशंका है. इससे पहले मौसम का पूर्वानुमान लगाने वाली प्राइवेट एजेंसी स्काइमेट ने भी कहा था कि मॉनसून 100 फीसदी रहने की संभावना है.
बारिश यदि एलपीए के 96-104 फीसदी हो तो इसे सामान्य मॉनसून कहा जाता है. सामान्य से अधिक मॉनसून में बारिश एलपीए के 104-110 फीसदी होती है. एलपीए के 110 फीसदी से अधिक होने पर इसे अत्यधिक कहा जाता है.
सर्दियों में कम बारिश झारखंड के कुछ हिस्सों में सूखा!
देश के 153 जिले इस साल गर्मियों का सीजन शुरू होने से पहले ही सूखे की चपेट में आने की आशंका है. जिन राज्यों में सूखे की आशंका है उनमें झारखंड का कुछ हिस्सा, बिहार का उत्तर-पश्चिम हिस्सा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, पूर्वी राजस्थान, और आंध्र प्रदेश का तटीय इलाका शामिल है.
सूखे की अाशंका इसलिए ज्यादा है कि सर्दियों में इस बार काफी कम बारिश हुई है. मीडिया रिपोर्ट में आइएमडी के डाटा के हवाले से कहा गया है कि अक्तूबर 2017 से कई जिलों में कम बारिश हो रही है. जनवरी व फरवरी में 63 प्रतिशत कम बारिश हुई. मार्च व अप्रैल (अब तक) 31 प्रतिशत कम बारिश हुई है.

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