नयी दिल्ली : ताजमहल पर मालिकाना हक को लेकर दावा करनेवाले सुन्नी वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को नरम रुख अख्तियार करते हुए कहा कि ताजमहल का असली मालिक खुदा है. जब कोई संपत्ति को वक्फ को सौंपी जाती है, तो वह संपत्ति खुदा की हो जाती है. मालूम हो कि इससे पहले सुनवाई के दौरान ताजमहल पर वक्फ बोर्ड ने दावेदारी पेश की थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ बोर्ड से शाहजहां के हस्ताक्षर वाले दस्तावेज पेश करने को कहा था. मामले की अगली सुनवाई अब 27 जुलाई को होगी.
जानकारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट में ताजमहल पर दावेदारी को लेकर चल रहे मामले की सुनवाई सीजेआई दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जज धनन्जय वाई चंद्रचूड़ की तीन सदस्यीय खंडपीठ कर रही है. मंगलवार को सुनवाई के दौरान अदालत में वक्फ बोर्ड ने मालिकाना हक को लेकर नरम रुख अख्तियार करते हुए कहा कि ताजमहल का असली मालिक खुदा है. जब कोई संपत्ति को वक्फ को सौंपी जाती है, तो वह संपत्ति खुदा की हो जाती है. वक्फ बोर्ड का कहना है कि ताजमहल को वक्फ बोर्ड को सौंपे जाने की बात बादशाहानामा में दर्ज है. फिलहाल यह बादशाहानामा लंदन म्यूजियम में है. वर्ष 2010 में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) ने वक्फ बोर्ड के खिलाफ याचिका दायर कर जुलाई 2005 के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें ताजमहल को वक्फ बोर्ड की संपत्ति बताया गया था.