कांग्रेस पर तल्ख हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली, बोले-महाभियोग को बनाया जा रहा राजनीतिक हथियार
नयी दिल्ली : भारत के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग लाने के प्रस्ताव के बीच सत्ताधारी दल और विपक्षी पार्टी में बयानों की जंग शुरू हो गयी है. इस मामले में सत्ताधारी दल भाजपा ने विपक्षी पार्टी कांग्रेस पर संविधान के नियमों का उल्लंघन कररने का आरोप लगाया है. इस मामले पर […]
नयी दिल्ली : भारत के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग लाने के प्रस्ताव के बीच सत्ताधारी दल और विपक्षी पार्टी में बयानों की जंग शुरू हो गयी है. इस मामले में सत्ताधारी दल भाजपा ने विपक्षी पार्टी कांग्रेस पर संविधान के नियमों का उल्लंघन कररने का आरोप लगाया है. इस मामले पर भाजपा ने कहा कि विपक्ष की तरफ से न्यायपालिका को लेकर लगातार राजनीति की जा रही है. विपक्ष अदालत पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा है कि कांग्रेस महाभियोग को हथियार बनाकर जजों को डराने की कोशिश कर रही है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखकर जजों के महाभियोग को लेकर तीखा हमला बोला. जेटली ने महाभियोग को ‘बदले की याचिका’ बताते हुए कहा कि इस पूरे मामले को हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है. यह प्रकरण पूरी न्यायपालिका की आजादी के लिए खतरा है. जेटली ने अपनी पोस्ट में जज लोया की मौत को लेकर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बार में लिखा है. उन्होंने बताया कि उन्होंने 114 पेज के इस फैसले को पढ़ा, जिसे जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने लिखा है. वित्त मंत्री ने सोहराबुद्दीन के मुठभेड़ से लेकर और जज लोया की मौत के साथ ही अमित शाह पर विस्तार से ब्यौरा दिया है.
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अपनी पोस्ट में अरुण जेटली ने जज लोया की मौत को लेकर कारवां मैगजीन में छपे लेख को फेक न्यूज बताया. उन्होंने कहा कि यह पूरा मामला इस सरकार और भाजपा अध्यक्ष की छवि को धूमिल करने के लिए उठाया गया. उन्होंने प्रधान न्यायाधीश के महाभियोग की बात को गंभीर मामला बताते हुए लिखा कि इस मामले को हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है. सभी राजनीतिक दलों को इसकी गंभीरता समझनी चाहिए.
अरुण जेटली ने चार जजों की प्रेस कॉन्फ्रेस के मुद्दे का जिक्र करते हुए सवाल उठाया कि चारों विद्वान जजों ने जज लोया के मामले के तथ्यों की पूरी पड़ताल की थी? उन्होंने केवल सुनवाई के लिए लिस्टिंग को मुद्दा बनाया. उन्होंने प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग को लेकर विपक्षी दलों की भूमिका पर सवाल उठाते हुए लिखा कि राजनीतिक लड़ाइयों में न्यायपालिका को मोहरा बनाना उचित नहीं है.
इससे ठीक पहले कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी थी कि राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व में विपक्षी नेताओं ने महाभियोग प्रस्ताव का नोटिस उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को सौंपा है. आजाद ने कहा कि हमने बैठक के दौरान पांच आधार देते हुए महाभियोग के प्रस्ताव की मंजूरी मांगी है. कांग्रेस के नेतृत्व में सात विपक्षी दलों ने शुक्रवार को राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू से मुलाकात की और प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा को पद से हटाने के लिए महाभियोग प्रस्ताव का नोटिस सौंप दिया.