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इंजीनियरिंग कॉलेज को नहीं मिल रहा है छात्र, AICTE कम करेगी 1.36 लाख सीटें

नयी दिल्ली : देश भर में इंजीनियरिंग के प्रति छात्रों का रूझान घट रहा है. विद्यार्थियों की घटती रूचि को देखते हुए आने वाले दिनों में कई इंजीनियरिंग कॉलेज बंद होने के आसार है. खुद कई कॉलेजों ने अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) से संपर्क कर जुलाई से 1.36 बीटेक व एमटेक सीटों को […]

नयी दिल्ली : देश भर में इंजीनियरिंग के प्रति छात्रों का रूझान घट रहा है. विद्यार्थियों की घटती रूचि को देखते हुए आने वाले दिनों में कई इंजीनियरिंग कॉलेज बंद होने के आसार है. खुद कई कॉलेजों ने अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) से संपर्क कर जुलाई से 1.36 बीटेक व एमटेक सीटों को कम करने का अनुरोध किया है.

AICTE ने कहा – अनुरोध पर होगा विचार

एआईसीटीई के अनुसार, 24 हजार सीटों वाले 83 इंजीनियरिंग कॉलेज ने सामूहिक रूप से सीट घटाने का आवेदन किया था. बता दें, इन कॉलेजों ने बी.ई/बी.टेक और एम.ई/एम.टेक कोर्सेज के 1.3 लाख सीटों को कम करने एआईसीटीई के सामने प्रस्ताव रखा है. जिसके लिए अभी एआईसीटीई की ओर से कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है. सूत्रों ने अनुसार सभी अनुरोधों को स्वीकार कर लिया गया है.
बता दें, पिछले साल इंजीनियरिंग संस्‍थानों में सीटें खाली होने पर एआईसीटीई ने अगले शैक्षणिक सत्र से करीब 800 कॉलेजों को बंद करने का निर्णय लिया गया था. वहीं एआईसीटीई ने कहा है कि इंजीनियरिंग कोर्सेज को बंद करने के लिए 80 प्रतिशत अनुरोधों को मंजूरी देने की उम्मीद है. अंतिम आंकड़े मई महीने के पहले सप्ताह में जारी कर दिए जाएंगे.

70 प्रतिशत सीटों पर टेक्निकल शिक्षा

गौरतलब है कि भारत में 70 प्रतिशत सीटों पर टेक्निकल शिक्षा दी जाती है. जिसमें मैनेजमेंट (एमबीए), फार्मेसी, कंप्यूटर एप्लीकेशन (एमसीए), आर्किटेक्चर, टाउन प्लानिंग, होटल मैनेमेंट और ‘आर्ट्स और क्राफ्ट’ कोर्स शामिल हैं. इस साल एआईसीटीई को नए संस्थानों की स्थापना के लिए 64 आवेदन प्राप्त हुए हैं. जहां 15 हजार सीटों को जोड़ा जाएगा. साथ ही 247 मौजूदा कॉलेजों में लगभग 25,000 सीटों को जोड़ा जाएगा .

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