नयी दिल्ली : देश में बढ़ती गैंगरेप और महिला हिंसा मामले पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा है. कांग्रेस ने कठुआ की घटना पर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष(आईएमएफ) की प्रमुख क्रिस्टीन लेगार्द के हालिया बयान का हवाला लेते देते हुए नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि 2014 में देश की जनता ने इसलिए वोट नहीं दिया था कि उनकी सुरक्षा से समझौता हो.
लेकिन गैंगरेप मामले को लेकर कांग्रेस की रेणुका चौधरी ने बेहद हलका बयान दिया है. उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि आजकल कोई महिला घर से बाहर नहीं निकलती हैं. रेणुका चौधरी ने शोले फिल्म का उदाहरण देते हुए कहा, अरे ओ सांभा कितने आदमी थे. लेकिन आज जब लड़की घर से बाहर निकलती है… और उसका बलात्कार हो जाता है. जब वो थाने में जाती है तो वहां यही सवाल पूछा जाता है, बेटी कितने आदमी थे.
रेणुका जब यह बात बोल रहीं थी तो वहां मौजूद लोग उनकी बातों पर ठहाके लगा रहे थे. रेणुका चौधरी ने शोले वाला डायलॉग भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिंन्हा से पूछती हैं. कांग्रेस नेत्री आगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश दौरे पर हमला करते हुए कहती हैं, इस माहौल में देश के प्रधानमंत्री को विदेश जाने की बड़ी शौक है. उन्होंने कभी भी आगे आकर उन पीड़िता परिवार वालों से, मां से नहीं पूछा कि क्या हुआ…कैसे हुआ…क्यों हुआ.
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#WATCH: Congress' Renuka Chowdhury says 'Koi mahila bahar nahi nikalti hai aaj kal…Aaj ke din jab ladki ghar se bahar nikalti hai aur uska balatakar ho jata hai, thaane mein jab jaate hain tab yahi poocha jata hai 'Kitne aadmi theyy' pic.twitter.com/T2KeZsf2QY
— ANI (@ANI) April 21, 2018
वहीं कांग्रेस के महासचिव अशोक गहलोत ने आज क्रिस्टीन लेगार्द के बयान को पोस्ट करते हुए ट्वीट किया, जिस भारत की परिकल्पना को लेकर लोगों ने वोट किया था वो यह भारत नहीं है. लोगों ने इसलिए वोट नहीं किया था कि उनकी सुरक्षा से समझौता हो. उन्होंने कहा, महिलाओं की सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है और इसका सबसे पहले निदान होना चाहिए.
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गौरतलब है कि लेगार्द ने कठुआ में आठ साल की बच्ची से बलात्कार और हत्या की घटना को वीभत्स करार दिया था और कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं भारत के अधिकारियों को महिला सुरक्षा के मुद्दे पर अधिक ध्यान देना चाहिए. हालांकि उन्होंने यह भी कहा था कि यह उनकी निजी राय है.
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